श्रावक - धर्म - संग्रह | Sravak Dharm Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
325
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भगवान महावीर के सिद्धांत
हम स्यादवाद का डंका फिर,
दुनिया में आज बजायेंगे ।
प्रभु वीर जिनेश्वर के गुण गा,
जग से मिध्यात्व हटायेंगे | ।
हठ का हम भूत भगगयेंगे,
ट उसेक्षा से. समझायेगे ।
अनर्के गुण हैं वस्तु में,
स्पाद वाद से. बतलायेंगे । |
है एक उमंग भरी दिल में,
लहरायें अहिंसा का झंडा |
हो भव्य जीवो से भरी हुई,
पृथ्वी को. कर दिखलायेंगे। ।
परिग्रह वृत्ति को दूर भगा,
आकिंचन धर्म अपनाएगे ।
सिद्धान्त तीन महावीर के हैं,
जन-जन में हम पहुचायेंगे। ।
समंत भद्र जैसा डंका,
अकलंक बन आज बजायेंगे।
आचार्य कुन्द-कुन्द कह गये,
अध्यात्म सुमन सजायेंगे | |
जिन धर्म का बिगुल बजायेंगे,
हम दूर भगा कायरता को ।
सब छोड़ वथा झगडों को हम,
झण्डे की लाज बचायेंगे | ।
2टा तु
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