बल्लभकुलइतिहास नाटक | Ballabhakul Itihas Natak

Ballabhakul Itihas Natak by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ह च ही गा०--अच्छा ताकूं वाके द्संन यहां कराऊंहूं देख साव- धान हाय अदलोकन कर ॥ पु०--जय चाबी जू की --बाह ३- पुभ--भहाराज सेरा जीबन कतायें भये, में अब अधिक दूर छोर देखने प्रेत, फ्हांकी सें दिन चला गया पर मानन्दू के कारण भम सेय सीण दूष्टि माप हनन रूगी, शव ऐसे! यल्न फह्े लि छान्तः्फरणा मिस डेप कापय ॥ ः गा० --भच्छा ता अन्त:करण तिए केवल कांनी द्वारा क- यह 'नाय शुद्ध हाय है ॥ पु०--सहाराण लेए का उपाय कीजिये ॥-




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