द्वितीया पंचवर्षीय योजना योजना प्रसन और उत्तर | Dvitiya Panchvarshiya Yojna Prasan Aur Uttar
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
884 KB
कुल पष्ठ :
80
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शक
परन्तु सोच-समसकर' बटा दिए जाए जित्तसे अधिक नफासोरी को रोका जा
मक और घाटे की श्रर्य-व्यवस्था के कारण उत्पन्न होने वाली अन्य हानि-
कारक प्रवृत्तियों का नियस्पित किया जा सर्क ।
प्रइन--योजना के साथनों को बढ़ाने में आम जनता किस प्रकार
सहयोग दे सकती हूँ ?
उत्तर--ऑ्रॉम व्यवित अपनी दचत के धन को ऋण के रूप में देकर
सरकार वी सहायता कर सकता है । मारत में जहा बैक में रुपया जमा करने
की झादत बहुत कम लोगों को है, जनता की श्रत्प बचतों का विशेष महत्व हूँ।
दूसरी मोजना में अ्रल्प वचतों द्वारा धन प्राप्त करने का लक्ष्य ५०० करोड
रुपया हैं, जबकि पहली योजना में इनसे २३७ करोड रुपया एक किया
गया था । अल्प वचन श्रान्दोलन केवल धन एकम करने का ही साधन नहीं
है, बल्कि जनता में बचत को प्रवृत्ति ददाने श्रौर उसको योजना से अधिव
परिचित करानें का तरीका भी है । इस सम्बन्ध में यह भी याद रखने की
बात है कि जनता से जितना श्रधिक धन मिलेगा, वह चाहे कर के रुप में
हो या उपार के रुप में घाटे की श्रर्थ-व्यवस्था की झावश्यकता उसी
अनुपात में कम होगी ।
प्रशनत--योजना के विशाल झौद्योगिक कार्यक्रम के कारण देश के
विदेशों मुद्दा साधनों पर बहुत भार दडेया । भुगतान सतुसन में होते
याली कभी की पुति फिस प्रकार होगी 7
उत्तर--अनुमान है कि दूरी योजना में वे पैमाने पर बाहर से
आने वाली मशीने और विभित उद्योगों में काम म्राने वाले कच्चे भाल के
वारण भुगतान संतुलन में १,१०० करोड रुपए को कमी पड़ेगी । इस कमी
ना कुछ सश पौड़ पावने में से २०० करोड रपए निकालकर पूरा हो जाएगा 1
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