अन्तिम गीत | Antim Geet

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Antim Geet by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सन्तिम गीत किसे सुनाऊँ!. फीन १ सुमेया, मेरा 'सदिसि गीत ॥ साहस फही ! न घरय जाये, पीठ धपक दे ! 'शीस रोल दे । चिंतनी मी हो याछ्ति खगा दे , निप्टर मुह फो 'परी ! फोलई ॥ यही ' परीक्ता का घयसर हैं, नेसे भी हो | 'सुधा' घोलदे 1 अन्त समय ऐ'टी फ्यों ? भिष्हा, एक बार तो राम बोल दे ॥। जीवन भर 'माला' परी थी, बह मेरा “सम्यास” कहाँ है । मृत्यु में विश्ञाप्त नहीं तो. जीवन में श्वास कहीं हैं ॥ चीर / चीर ! फह घहिन रो उठी, सुजा पकड़ कर ! रोया आता । लिपट चिपट कर | तिरया रोई, पेट पकड़ कर | रोई माता ॥। देस रहा हू! दीख रहा श्रय, मरा है सब जग का नाता । फंसा मोह-ममता, में पागल, रोता हंस श्रकेला जाता ॥ व्पाग लगादे ! नश्वर जग में; ओ मेरी 'निश्वास” कहाँ है ॥ [ सत्तरह ]




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now