श्रावक - स्वरूप | Shravak Swarup
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
264
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सार अद अर जद बच उचा जा जद उ उस जहा सादा ; छब्दधाद जद सादमाद:संथ: दम
के घर, बेल, कपड़ा, अनाज आदि जिन्दगी के साधनों है
को झुर्की नीलामी ब्रारि से छोनने का उद्योग न है
करें। हमारी जबरदस्ती या अनीति से यदि |
) कोई गरीब भूखा मरा तो हमारा भी भला नहीं हो
सकता | प
) ५-झपने व्यापार से छोटी पूच्जी वाले छोटे व्यापारि-
यों का गला न घुटे, हमारे एक की कमाई से अन्य है
गरीबों का सत्यानाश न हो ऐसा ख्याल रखना )
न चाहिये ।
इस प्रकार अर्थ पुरुषार्थ पालन करके घन उपार्जन
# करें। और उप्र कमाई में से कुछ से अपना व्यापार करें;
1 कुछ से परिवार का पालन पोषण करें, तथा कुछ द्रव्य
है झापत्ति समय के लिये जमा रक्खें और ऊुड अंश
8 घर्मायतनों में, दीन द्दीन की रक्षा, उपकार, सेोत्रा में /
दान करें ।
|... तीसरा पुरुषार्थ 'काम' है जिसका अर्थ सुयोग्य
| सन्तान उत्पन्न करना है। इसके लिये सुपोग्य वर है
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