डॉ॰ गौरीशंकर आचार्य अभिनन्दन - ग्रन्थ | Dr. Gauri Shankar Acharya Abhinandan Granth

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Dr. Gauri Shankar Acharya Abhinandan Granth by पदमसिंह भाटी - Padamasingh Bhati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| धन आन्दोलन) में अग्रणी सहभागी। # राजनीति में महाराजा श्री शार्दुलसिंह जी के समय प्रवेश किया। # रायसिंह मगर मैं सरकार विरोधी आन्दोलन करवाया गया जिसमें सरकार ने गोली चलवाईं उसमें श्री बीरबल मोची गोली लगने से शहीद हुए, इस आन्दोलन में धर्म पत्नी श्रीमती लक्ष्मी देवी आचार्य झण्डा लेकर आगे आगे चल रही थीं, लाठी चार्ज में उनको चोट आई # आजादी के बाद बीकानेर में मंत्रिमण्डल बना जिसमें शिक्षा, रेलवे, चिकित्सा, व डाकतार विभाग के मंत्री बने । » बीकानेर में हिन्दी विश्वविद्यालय स्थापना का प्रयास 1 # आजादी के बाद राजस्थान के तत्कालीन राज्य शासन को प्रेरित कर आयुर्वेद बोर्ड, समाज कल्याण बोर्ड, शिक्षा बोर्ड आदि की स्थापना, अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष आदि एवं उनका कार्य आगे बढ़ाने में अहम्‌ भूमिका । ऋ गांधी विद्या मंदिर (ग्रामीण विश्वविद्यालय) की २ अक्टूबर १९५० में स्थापना एवं स्थापनन प्रेरक पथ प्रदर्शक रहे जिसमें प्रथम संस्थापक अध्यक्ष भी रहे। *# पचास के दशक में रतनगढ़ से विधानसभा सदस्य । # हनुमानगढ़ और संगरिया में महाविद्यालयों की स्थापना करवाई। » भादरा में बालमंदिर की स्थापना। # अखिल भारतीय गुर्जर गौड़ विप्र के दस वर्ण अध्यक्ष तथा उदयपुर और कोटा सम्मेलनों की अध्यक्षता । » राजस्थान गौशाला पिंजरापोल संघ के संस्थापक अध्यक्ष तथा दस वर्ण तक अध्यक्ष रहे। . # आयुर्वेद विश्वभारती सरदार शहर के प्रेरक एवं कई वर्ष परामर्शक वृक्षारोपण कार्य में विशेष अभिप्रेरण एवं योगदान । # भारत की समस्त गौशालाओं का एक संगठन बनाकर विशेष अधिवेशन जयपुर में करवाया । ऑल इण्डिया गौशाला संघ के महामंत्री अनेकों वर्ष तक रहे । # प्राकृतिक चिकित्सालय जयपुर के अनेकों वर्ष तक अध्यक्ष रहे। » बीकानेर में स्वतंत्रता सैनानी के रूप में नागरिक अभिनन्दन किया गया। # सरदारशहर में २७ सितम्बर, १९९८ को सार्वजनिक अभिनन्दन किया गया। » गुरूकुल महाविद्यालय, ज्वालापुर के १९) वर्ष प्रधान व ५ वर्ष कुलपति रहे। पि




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