श्रमण संस्कृति मनवीर जयंती भाग १ | Shraman Sanskriti Manaveer Jayanti Bhag 1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Shraman Sanskriti Manaveer Jayanti Bhag 1 by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
शव भाना १3 मू० न सेवियव्वा पमया परका; न सेबियव्वा पुरिसा अपिज्ञा । न सेद्यिव्वा अद्मानदीणा, न सेवियव्वा पिशुणा मणुस्सा ॥१३॥ छा० न सेवित या' प्रमदा परकीया, न सेवितब्या पुरुपा अचविद्या 1 न सेवितव्पा भभिमानद्दीना ने सेचितब्या पितुना मनुप्या ॥१३॥। खध-मलुष्ये पारी अभधनखी सेवी नि (परी- बषपट ने थी पिया चगरना घुरेपे।ी, (2६२५ देव ह आागी. तेभुनीप सेवा उस्दो नठ्धि (लेना नसाशरे ने रहेवु) सलिनानी, तथा दीन सेंटने नीय मायुसानि सदा नदि (तिमना सेव यु नहिं ) जथवा मधिमानदीन सोटने न? भाशुसा नाधभ। भान-अतिक्ा वरना ऐव तेमनी सेणत उसी नदि तेमर पिशुन सेटने यारी-सुगधी धरनार नानी पशु सेवा-सेएसत न धरपी १३ मू० #जे घम्मिया ते खड सेरियिव्वा, जे पढ़िया ते खछ पुच्छियव्या । जे साइुणों ते अभिवदियव्वा, जे निम्ममा ते पडिलामियव्या ॥१४॥ + टन्तखा




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now