नरमेघ | Narmegh
श्रेणी : कहानियाँ / Stories
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
486
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(३.
चो के पूर्व
,, यूरोप ॐे उत्तरपचिम का बह भाग जिस मे खव वेलजियम
अर हालैएड धसे हए दै पते नेदरलैणएड कदलाता था । इस में तीन
बढ़ी नदियां राइन, मियूज़ और शेल्ड बहती हैं। जिस प्रकार
पाँच नदियों ने पंजाब की और गंगा और यमुना ने युक्त-प्रान्त
की भूमि को अपने जल से सीच-सीच कर उपजाऊ बना दिया है,
उसी प्रकार इन तीन नदियों ने नेद्रलेडड की महभूमि को
अपनी गोद का दूध पिला-पिला कर हृरा-भरा कर रकक्खा था।
यह भाग समुद की सतह से नीचा है, परन्तु मनुष्य ने अपनी
लगातार मेहनत से इसे समुद्र के राज से छीन कर प्रथ्वी की
ट कर दिया है, बड़े-बड़े बाँध खड़े करके समुद्र को पौछे ढकेल
दिया है। समुद्र से छीने हुए भाग पर लोगों ने अपने घर
खाये हैं, बढ़े-बड़े नगर बसाये हैं । भौगोलिक और जातीय
श्राधार पर यह फ्रान्स और जर्मनी दोनों का कहा जा सकता
है। जिस प्रकार दाथ्यों ने जंगलों को काट कर गंगा और
यमुना के किनारे गाँव बसाये थे, उसी प्रकार यहाँ के पूर्व
निवासियों ने दलदलो को सुखाकर रहने के योग्य भूमि
बनाई थी ।
यके आदिम निवासी कौन थे, कैते ये, यह् कहना
बड़ा कठिन दै। सीज़र से पहले का कौई वर्णन इस भाग कै
श्र
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