महमति प्राणनाथ कृत कुलजम स्वरूप और इस्लाम धर्म | Mahamati Prannath Krata Kulajam Swaroop Aur Islam Dharm

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Mahamati Prannath Krata Kulajam Swaroop Aur Islam Dharm by अन्सारूल हक अन्सारी - Ansarool Hak Ansari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १४ ) कुरान शरीफ के अन्तर्गत इस्लाम घर्मं कौ सभी प्रमुख विशेषताएं सुस्पष्ट हैं और समस्त मानव जाति को एक सूत्र में बाँध लेने की पूर्ण क्षमता भी है । कुरान शरीफ का गहन अवलोकन कर लेने के पश्चात्‌ महामति प्राणनाथ से मौरंगजेब प्रभावित भी हुआ । परन्तु तत्कालीन काज़ी-सुल्ला तथा चाटुकार पदाधिकारियों ने तब महामति प्राणनाथ से साक्षात्कार करने से रोक दिया) विक्षित होकर महामति प्राणनाथ ने एक दूसरी योजना बनाई मौर वेद-कतेव का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए “कुलजम स्वरूप” की रचना करने में लीन हो गये । कबीर ग्रन्थावली; गुरु ग्रन्थ साहिब तथा बन्य साहित्यिक ग्रंथों की अपेक्षा महामति प्राणनाथ कृत कुलजम स्वरूप मे काग्य-तत्त्त अधिक मूखरित हुए हैं । इस महाग्र॑थ के अन्तगंत “सनन्धः, “खुलासा एवं कयामतनामा' जसे उपग्रंय में वेद और कतेब के मामिक एवं सारगशित काव्य तत्त्व-विद्यमान हैं । हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई तथा संसार के सभी मानव-जाति के लिए कुलजम-स्वरूप मार्ग प्रशस्त करता है और वसुधेव कुटुम्बकमु की भावना को साकार करता है । प्रणामी सम्प्रदाय तथा प्राणनाथ मिशन दवारा अनेकं विद्धान्‌ महामति प्राणनाथ प्र अनेक प्रकार के रचनात्मक एवं शोध काये कर रहे हैं । इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा स्वीकृत शोध विषय (महामति प्राणनाथ कृत कुलजम स्वरूप और इस्लाम धमं) अत्यन्त नवीन है। डॉ० माताबदल जायसवाल के निर्देशन में प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध अमन; शान्ति तथा घार्मिक एकता के मागं में एक नई उपलब्धि है। यदि साहित्य के मर्मज्ञ एवं विद्वान्‌ पाठक हमारे इस प्रयास से सन्तुष्ट होगे तो हम अपना परिश्रम साथेंक समभे । शोधघःप्रबन्ध की सामग्री दस अध्यायो मे विभक्त हैजो भग्रलिखित है--




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