मध्यकालीन हिन्दी कवयित्रियाँ | Madhyakalin Hindi Kavayitriyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय प्रे श ४ का उल्लेख है । सन्‌ १९०१ से १६२५ तक की प्रकाशित तथा उसके पश्चत्‌ कौ हस्तलिखित खोज रिपोर्यो मेँ जिन कवयित्रियों का उल्लेख भरिलता है, उनके नाम येहे: साम १. गंगा २. सोन कुवरि ३. इन््रामती ४. शेख रंगरेचिन ४. प्रिया सखीः वस्त कुवि ६. रसिक विहारी वनोठनी जी ७. सहजो बाई ८. सुन्दर कुंबर वाई €. बिरंजी कुंवरिं १० यवृषभान कुंवरि ११. र्न कुबरि १२. दीप करवरि १३. पजन कुंवरि १४, सेना योगिनी १५. सुन्दर कली १६. कृष्णावती १७. दयावाई १८. सीरावाई १६. रंगाबाई २०. जीमन महाराज की मां २१. घर्म कुवरि १ श्‌ द ४ ५ चष १६०६) ०४ १९०९, ११, २३, २५ क्रम संख्या ३३ ३२६ १६९२३; २५ परिशिष्ट १ पृष्ठ १६ १६०६४ ०८ १६०३ १९२०१ २२ १६०६, ०४ १९०० १९०१ १९२३५ २५ १६०४ १६०६१ ०८ १६०६ ११ १९०६, ०६ १६.०६ ११ १६१२ १४ १६२६, २८ हुस्तलिखित १६२९, ३१ 1 १६९२३८८० ए. २०६ १६२ १७१ ` २२६ २६१ २० ६५ २६ पष्ठ ३५२ ३५३ ८२ २०६ ३१२ सं० २३१ र. राजपूताना में हस्तलिखित हिन्दी घन्थों की खोज--मंदी देवीप्रसाद द्वारा प्रकाशित कराई हुई इस खोज रिपोर्ट में राजस्थान को कुछ प्रमख कवयि्धियों का नाम भी उल्लिख़ित हूँ । इस सोज के श्राप पर उन्होंने मिलि मद वाणीः की




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