बलिहारी उण देसड़े | Balihari Un Desade

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Book Image : बलिहारी उण देसड़े  - Balihari Un Desade

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चारण महात्मा ईमरदासजी बारहट रो नाम राजस्थान अर गुजरात सगे ही 'ईसरा-परमेसरा' रें रूप में बोठसीजे है । वारो 'हरिरस” ती गीता रैं जोई वाचोजे-विचारीजे है। वे भगत, कवि अर सिद्ध हुवा। डिंगठ में बारां रचियोड़ा 'हाला झाला रा बुडद्धिया' घणा प्रसिद्ध हुवा । ईसरदास जी र। जीवणो भर साहित्य री सजीवणी दौनू भात री वानगी इण लेख में दरसाई है जिणमे जूनी बबिता रा प्रमाणा री इधकारई है । होदो रगरमीती' मे होठी रे हुडदग, राग-रग, चाव-भाव, उमंग उभावरौहाव-भाव दरतायौ है । जन-जोवणमे होढी रौ तिवार टाबर टोछी मू लेप बूढ़ा-वडेरा ताई में किंग भात इलोठ पैदा करें, इण भाव रा चूप- चूपाठा चित्नाम दरसाप वा मे कत्पना री कौरणी रा रचनाकार रग भरें । राजस्थान री घरती मह री बाट जोबे अर मेह बावो आया पणा हरस- हीकवा होवे । 'मेहां रे झड माडियो' जेडा रसीला गीत गाईजे अर हेत-हुलास मू हरियाढी तोज मनादजं । तेजौ गावे मर होतिथै बाजरी बावे, उण सुरगौ म्तरौवरणावे अर चाव-भाव सरूभोम रो मडाण वर्ण, इणी भाव सू भरपूर मेह रे अभाव में काठ री विकरा गत ने परगत रा लेखक प्रमाण भर्ण । “बरसाछौ' लेख मे सुरगी रुत रैं सिधगारू वरणाव री चिश्राम घणौ मन भावणी है, जिणमे सजोग अर विजोंग री रसभीनी घडिया सू मन रीभावणी है। जिण धरती में नेह तो घणो पण मेह कम ब्है, उठे इज उणरी बरणाव मोहणी अर मनोरम व्है। इणीज पगत मे रूपाछी रगत री एक 'रसीली लेख है 'पिह पिहू ना बोल' जिणरा वोल घणा है अणमोल । पपीढ़े रो पुवार सू विरहणी रे हिये में दुधार-सार वहै, आ इज बात जूनी कवितावा रे प्रमाण सू विद्वान लेगक बहे 1 लोकगीता री ससार तो न्यारौ अर निराठो इन हवं । इण मे सोक- जीवण री छदिया री छबीली दरमाव मिलें । घर-बार, पसुनपसेरू, रूख-राय, नदी-सरोवर, सगद्ा सू हो वात-विगत रो सरस सम्बन्ध अर पुनीत प्रीत लोग- गीत रो लहर सू जुडे । दणरी मोटी मनवार अर सनेह सुप्यार नू मानवी रो मन पाछों मु । ऐड मोटे अर मरमोलें वरणाव री भाव दिल हें दरियाव मेत रौ टिवोराटेततौ रवव, जज्ञा पददा हौज वय वादं। राजस्थानों लोर्गीता रं सगं सरूप रौ भदूपमाभाद्णतेखदे उजागरट्दं टै, सार सलेप री दोठ सू इण रो चूप अर चुतराई मानों गागर में सागर हुई है । राजस्थानी मादि म लोद-वेतना रप सुर' दण दाधा रो एव शध- परक लेख है जिणमे अज्ञात अर अनूठी सामग्री रो माता अतेस है।




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