श्रीमद्भगवदीता मोटे अक्षर वाली | Srimadbhagawadgeeta Mote Akshar Vali
श्रेणी : धार्मिक / Religious
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
303
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय १ २९
सुभद्रापुत्र अभिमन्यु ओर द्वौपदीके पचो पुत्र यह
सब ही महारथी हैं ॥ ६ ॥
अस्माक तु विशिष्टा ये तानिवोध द्विजोत्तम ।
नायका मम सैन्यस्य संज्ञाथ॑ तान्त्रवीमि ते ॥७॥
है घाहाणश्रेष्ठ ! हमारे पक्षसें भी जो-जो प्रधान हैं
उनको आप समझ लीजिये, आपके जाननेके लिये मेरी
सेनाके जो-जो सेनापति हैं, उनको कहता हूँ ॥ ७ ॥
भवान्भीष्मश्च कणेर कृपश्च समितिंजयः ।
अश्वसामा विकर्णश्च सोमदत्तितथेव च ।॥<॥
एक तो खयम् अप ओर पितामह भीष्म तथा
कणं ओर संग्रामविजयी कृपाचार्य तथा वैसे ही
अश्वत्थामा, विकर्णं ओर सोमदत्तका पुत्र भूरिश्रवा <}
अन्य च वहवः श॒श सदथं त्यक्तजीविताः \
नानारास्प्रहरणाः स्मे युद्धविारदाः ॥६।
तथा ओर भी वहुत-से शूरवीर अनेक प्रकारक
शा्र-अख्रोंसे युक्त मेरे लिये जीवनकी आस्ाको
त्यागनेवरे सव-के-सव युखमे च्ठुर ह \ ९ ]
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