तीर्थकर | Tirthakar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
353
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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शसं डायटर राधाकृष्णन मे लिखा है: थजुव्ष में तौबकर ऋषभमदेव,
झजितनाथ तथां अरिव्टमेभि का उल्लेख झाता है। मागगत् पुराण ऋषभे
कौ जैमबर्म कां संस्थापक मीगता है।” (१)
सामंधत पुराण के शनुसार शऋषभदेष विष्णु भमित नगे
अवतार थे । यह प्रवतार वाभनावतार, राम, कृष्ण तथा बंध रूप भवतारों
के पूर्व हुआ है। विधावारिधि बैरिस्टर चंपतशयणी ने लिखा है:
अवतार कीं गणना में धान भ्रषतार पंद्रहवां है। ऋष्येद में वामन
श्रवतार का उल्लेख है। इससे यहेँ परिणाम निकलता है कि वार्मन अवतार
सम्बन्धी मंत्र की रचना के पूवं ऋचषनंदेव हुए है। ऋग्वेदोक्त बान
भ्वतार के पहले ऋषभावतार श्रा है, अतः ऋषभावतार श्ग्येद के बहुत
पहले हुमा है यह स्वीकार करना होगा । श्री चेपतशमंजी का उपरोषर्त भागे
दनं श्वी द्वारा ध्यवत किधा गेंया हैं ~
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भागवतपुराण में चौ्रौस ्रवतारो के नाम इस प्रकार पये जते है :-~
(१) नारायण (२) ब्रह्मा (३) शनत्कुसार (४) मर्नाश्यल (५) कलि
(६) दत्ताबेग (७) सुयन्ञ (८) हयग्रीव (९) ऋषन (१०) वृषु (११) मत्स्य
(१२) करने (१३) हंस (१४) चस्ंतरि (१५) बामभावतार (१६) परण-
शभ (१७) मौहिनीं (१८) नुसिंह (१६) वेदे भ्याशं (२०). व्यास
(२१) बलराम (२२) कृष्ण (२१) बुड (२४) कल्कि (भार पुज
९, २, ७} )
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