नर से नारायण | Nar Se Narayan Ac 4463

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Nar Se Narayan Ac 4463 by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(५) तीथकरों की उत्पसि का कम-- जवं ततरे काल में २ 'व्ष सारे तघाठ सहीये कामि रदे थे सब वृष्मनाथं अर्मधान भेक गमे थे और जब स्योये काल में २ धर्ष लड़ आठ महीने बाकी श्हे थे शय भी महाथीर सकामी भोक्ष गये चे । पृपमेदेच कीः श्रयु शौशासी सस पूर्व की नयी । अजित साथ की छायु बहत्तर लख पर्ष कौ थी । सम्भथनाथ कमी -स्सर लास चूवे थी, श्री श्रभिन॑दन न्थ की पचास लास पूवं की, री सुभति नाथ की ४० लाख पूवे कौ, शरी पदन भभु की ३० लाल पूव की, श्री सुपार्चनाथ की २० लक पूर्व की, शी चल्प्रभु की १० लास्व पूर्थ की, न्री पुथ्यावश्त की २. लाश पुर्व क्री, भी शतिलनाथि बी एक लाख पूर्व की, थी भ यंस-खाथ की ८४ सलि चर्च की, श्री घासुपूष्य की बहतर लाख पपे की, लीजिमलनाथ की ६० श्र कप की, की श्म नाय को ६० इस वपे की, शी म गायक! दन्त लास वर्ष की, श्री शांहिसय की 2 कार वर्ष की, नमी ॐ थना को ६५ हजार वषे की, शी लरहनाअ की चोससी हशार चे की, श्री महिना की पवन हजार अर्प की, शरी सुनि जते को तीस हार वेषे कमै, श्रौ सेदमिमस्थ कै इस हार चर्व की, भी नमिनथ कौ एक हजार वर्ष की, खी पाश्वन्सथ की से अप की, और सभाम भहावीर्‌ सकामी को ७२ अर्प की आहु थी । शमो सीरा इ उस्रि इः अमय श्रीवूषमदेव के मोक्ष जानेके थाद ५० लाख करोड्सीगर धीत जाने के धाद श्रौ श्रितं नाथ इतश हुए ये ।-धणिरस्लथ के मोर जाने के धीवरं ३४ लाथ चशे ` सरिर श्रील जाते के लाच श्री




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