शासनदेवता पूजन चर्चा | Shasandevta Poojan Charcha
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| | १३
ड, मौर इद्ध जभिरापति उन्हैने भापपाश्चास्ीी पीट ठो है.
पतु भाप्पाशा्नि मादिपुराणम “ विश्वधर्यादयों ' ऐसा पाठ नहीं डे.
* विखेधरादयों * दुसाही पाठ दैं एसा दो बख़त प्रसिद्ध का दिया!
बार टिप्पणी पर मे उम्र दिखिश्वरादयों १ क्षा अथ 1 निनश्वरादयो १
दरा भी चारतो बरकी भाचीन दइस्तमिहित प्रतिप वतादिया, तोभी
दिता उह पाठको मानते नदीं गलत कपत है, और कहते हैं कि जो
इसपर विचार फरना चाइते हैं. उन्े चाहिये कि आादिपुराण यादिर्र्े-
द वे भतस परमण मानते ६ क्या १ से प्रथम जिर करें. ”
दिखेखर्षादयों ऐसा पाठ हुवा तोमी विधेशरी कोई शासनदेवता
न होकर तीथैकरकी माताका नाम है ' दिधेश्वरी जान्माता महदिगी
परहासती ॥ ठ्या सुपरगरा चेतिथततेरूदिनिनां विक्रा ॥२९६॥ इका
द्रिनिकयादेन्पः घ्रीन्ीचीएतिकीतेय'।। समेख्टम्पा पढेताश्र समता
जिनमाठका। ॥ र२०॥ ' यहाँपर प० बंसीघरजोनें विधेश्वी नाम `
जिनमाताका दोनेपरभी उक श्री्धी जादि शासनदेवता वनादौ दै.
(देखो नैनसिद्धांत जून १९२१ पत्र ३६)
इन पीठिका मतरे मािरम जो छोक दिया हैं. कि, पतैः
सिद्धा्च ने करुपोत् » ह एक वाक्य परिद्ध होता द किईन मत्रि
सिद्धाका पूजन करना चाहिये. जहां ' जिसका विवाह उत्का भी '
जहां सिद्धाकी पूजन बताया वहां नासनदवोंका फहांते आयगा £ इतना
, पष्ट वाक्य द वक्षं घासनदेवोंका पुजन बताना सो कोई भी सूरत
शासनदेवोंका पूजन महापुराणमसि मिरजायतो अपनी शासनदेंवकि
तरफ जो तीव्र भक्ति है उसको पुष्ट मिलेगी यदी - ंडितजीक। अमि-
प्राय दोखता दे. इ, चद अहर्भिद्रः शकरः सदाशिव: महादेव,
उमापति, पशुपति, बरह्मा, विष्णु, इय) बुद्ध. इयदि रागीद्िषी
देववालेंकि नाम षित मगवानकों दिये हैं; ओर उन शुठदोंके, भथ
मतिरागरूप किये हैं इसका कारण यही है कि) उपासना फगत् बीवराग
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