श्रीमद्भगवतीसूत्रम | Shri Madbhagwati Sutram

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Shri Madbhagwati Sutram by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ १४४६ } सथविरं के प्रश्ना्तर इद्ादरणारध--फिसी सेठ की सी ने व द्दा- घरमे चोर चस पांच हैं । सेठ ने उत्तर दिया- दो, सुके मालूम ६ 1! खी यौली-- जानते हो, मगर माल पपला जायगा तो जानना पया फा पाएगा ?* माल जाने के समय पेसी गलती कदाचिन्‌ ही कोई करता होगा, मगर घमे फे काम में अफसर ऐसी गलती हती ह । यह खान हुए भी करि व यास्य शार यह प्रा £, प्राह्च नो प्रण न एते श्रार दाञ्य षो तागते नहीं । पेसी अवस्था में लानना रिस पाम पाया { चदय विक पी सान्या फः टिप जच- स्ण्मे उसा उपयोग पसे । [न गधि भनगषान्‌ पद्य ६--घ्म पिच पर पिवेफ फा सये जानने ६1 ने जानते दाद हो परे, घचनों फो पंप रुप में मरदण फ्योनगण ? मुनि में एद--उगर खाप पिदेफ 'घौर पिंपक के ये यो अन्ध्वि4 रो पठाग्प परि धिदेक यया सर्‌ उख्य अर्थं




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