मणिबहन पटेलके नाम | Bapuke Patra-4 Manibahan Patelke Naam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कर बातें वरना चाइता हूं बौर थुग्हें झाल्ति देनेका प्रयतत करना
चाहता हू । जिसका बाजार भूलङी जिच्छा मौर मेरौ फुएषव पर एमा ।
मै जुषर भक्तूबर मास्ये पृषे शा सकूगा जैसा ही कमता! तुम
दोनों माजी-बहुत थापूकी ल़ूब मवव करते होये। मुग पर बहुठ बोझा
शा पड़ा है। परल्णु प्रभुकी शिच्छा होगी तो वे चये मुटा सेगे।
जापक भारवि
मरे प्रभासका कार्यक्रम ३१ से ३ तक चटगांध ओर बारीसास
४ से १२ तक कलकत्ता ।
बहुत सलिगौरी
ठि. भी बल्लममाथी झवेरमाभी पटेल
बैरिस्टर साहब
भद्र भहूमदाब्राद
५
मौनबार
( कलकत्ता
८-९-
नि मनि २१)
शमी मभी वुम्हाए पत्र मिछा । मेरी माय तो पहतमेके हो कपड़े
धलासेकी है। किसीके पर बिलायती जाजमें धगैरा रली है कोचो पर
भिरेपी कपट चे द) ये घब मभिकाध लोग गहीं देंपे। जिसह्तिम
बह माग सही की । मैसी कोजी शी चीज बे से ले हो बुतला गफी
है। हमें पहनने कपहोकी हो माग करमी है। सै भववीषतमे
लिलदूमा ।
पर्पुषभमें शरुपासरे जाता तय किया पट अच्छा है। जित बहुमोमें
थे कोपी अपने बपढड़ देती है?
१२ दारीण हक तो अकूकतें रइना है। बाइमें गया करता
है या सोचूगा ।
९.
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