पं॰ बंशीधर व्याकरणाचार्य अभिनन्दन ग्रन्थ | Pandit Vanshidhar Vyakaranacharya Abhinandan Granth

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Pandit Vanshidhar Vyakaranacharya Abhinandan Granth  by डॉ.दरबारी लाल कोठिया -dr.darbaari lal kothiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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= १० ~ सम्पादक मण्डले तमी विद्धानोका भामारो हे । अभिनन्दन परन्यके सम्पादनमे समी सम्पादकोने जौ सचि दिखायी है तथा अपना अमूल्य समय देकर पूरे शरन्यका सम्पादन किया है, यह सब पं» बंशीघरणी श्याकरणाचारयके प्रति उनकी अनन्य निष्ठा एवं श्रद्धाका ही सुपरिणाम है । माननीय डॉ० कोटियाजी एवं बबुारजी फागुल्क दोनों ही विशेष सूपसे धन्यवादके पात्र है, बास्तवमे उन्हीकी लगन एव स्चिके कारण अहं अभिनन्दन ग्रन्थ दने अल्प समयमे हमारे सामने मूत्तंङ्पमे आं सका । अन्तमे अभिनन्दन प्रन्धके सभी सम्पादक एवं सदस्य प° बंशीधरजी व्याकरणाचामंके दीं -जीवनको कामना करते हुये यही अपेक्षा करते है कि उनकी लेखनी दसी प्रकार अनवरत रूपसे चरती रहे गौर समाजका मांगे दर्दान करती रहे । (डॉ०) कस्तुरचना कासलीवाल कृते सम्पादक मण्डल




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