समकालीनों की नजरो. में मार्क्स और एंगेल्स | Samkaleenu Ki Nazru Mai Mary Aur Angles

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Samkaleenu Ki Nazru Mai Mary Aur Angles by सुरेन्द्र बालूपुरी - Surendra Baloopuri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उसकी बहुत कम मिसालें हो. सकती हैं । प्रथम «/रित2त/ ०८? (१८४२), पेरिस 00८05!» (१८४४ ) (१८४७), दल (१८४८-१च४६), 20 (१द५२-१८६१) में उनका काम *, इनके श्रलावा ग्रनेक जुझारू पुस्तिकाद्रों की रचना , पेरिस , ब्रसेल्स श्रौर लन्दन के संगठनों में काम श्रौर श्रन्तत: उनकी चरम उपलब्धि - महान ग्रन्तर्राप्ट्रीय मजदूर संघ की स्थापना ** - जो इतनी वड़ी उपलब्धि थी कि इस संगठन का संस्थापक , चाहे उसने श्रौर कुछ भी न किया होता , उस पर उचित ही गर्व कर सकता था । इस सब के फलस्वरूप मार्क्स ग्रपने युग के सबसे श्रधघिक घृणित तथा लांछित व्यक्ति थे। निरंकुशतावादी ग्रौर जनतंत्रवादी , दोनों ही तरह की सरकारों ने उन्हें श्रपने राज्यों से निकाला । पूंजीपति, चाहे वे रूढ़िवादी हों चाहे घोर जनवादी , मार्क्स को बदनाम करने में एक दूसरे से होड़ करते थे। मार्क्स इस सब को यूं झटकारकर श्रलग कर देते थे जैसे वह मकड़ी का जाला हो, उसकी ज़रा भी परवाह न करते थे, बहुत ज़रूरी होने पर ही उत्तर देते थे। श्रौर श्रव वह इस संसार में नहीं हैं। साइवेरिया की खानों से लेकर कंलिफ़ोर्निया तक , यूरोप श्रौर श्रमरीका के सभी भागों में उनके लाखों क्रान्तिकारी साथी जो उन्हें प्यार करते थे , उनके प्रति श्रद्धा रखते थे , उनके निधन पर ग्रांसू वहा रहे हैं। मैं यहां तक कह सकता हूं कि चाद़े उनके विरोधी वहुत-से रहे हों , परन्तु उनका व्यक्तिगत शत्रु शायद ही कोई रहा हो । उनका नाम ग्रौर वैसे ही उनका काम भी युग-युगों तक श्रमर रहेगा ! १७ मार्च , १८८३ * मार्क्स «/रित205८1€ तथा के संपादक थे तथा श्रन्य समाचारपत्रों के सम्पादक मण्डल के सहकर्मी थे ।- सं ० ** अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर संघ ( पहला इंटरनेशनल ) १८६४ में मार्क्स द्वारा स्थापित किया गया तथा १८७२ तक क़ायम रहा । वह सर्वहारा पार्टी का वीज रूप था ।-सं०




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