मुहूर्तो चिंतामरिअ भासतीका | Muhurtho Chinthamaria Bhasatika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नृभासुभप्रकरणम् ९
अन्वयः--सवैकायेप् पञ्न्वमीतियौ हस्ताकः, सप्तम्यां मौमादिवंनीं तथा पप्ठ्यां
चनदरन्दवे, अष्टम्यां वृ्ानुराधा, दगस्यां भुगुरेवतीः नवम्यां गु्युष्यं, एकादश्यां
शनिरोहिणीं च वजंयेत् 11 २०-२१ 11
भा० टी०--सभी शुभ कार्यों को, रविवार को पंचमी तिथि और हस्त
नक्षत्र हो तो नहीं करना चाहिये, इनी प्रकार भौसवार को सप्तमी तिथि अध्विनी
नक्षत्र हो, सोमवार को पप्ठी तिथि मुगदिरा नक्षत्र हो, बुधवार को अप्ट्सी
तिथि अनुराधा न्त्र हो, थुक्रवार को ददामी तिथि रेवती नक्षत्र हो;
ग्रुवार को नवमी तिथि पुप्प नक्षत्र हो आर शनिवार को एकदेशी तिथि
रोहिणी नक्षत्र हो तो कोई बुभक्रिया नं करे ।२०-२९१।।
कयविनप मं त्याज्य वार यौर नलव--
गहध्रवेशे यात्रायां विवाहं च यथाक्रमम् ।
भौमादिवनीं रनौ ब्राह्यं गुरो पुष्यं विवजयेत् ।२२।।
अन्वयः--गृहुभवेरे, यावायां, च (पूनः) विदाहं यथाक्रमम् भौमादिवनींः
कनौ ब्राह्यं, गृरौ पुप्यं वितंजयेत् \\२२।।
भा० टी ०--गृहप्रवेदा, यात्रा और विवाह मं यथाक्रमं से भौमवार को
अश्विनी नक्षत्र, शनिवार को रोहिगी नक्षत्र, और यृरुवार को पुष्य नक्षत्र
को त्याग दे, अर्थात् भौमवार को अदिविनी नक्षत्रं हो तो गृह्प्रवेडा न केरे,
दानिवार को रोहिणी नक्षत्रहोतो यात्रा न करे और ग्रुवार को पुष्य
नक्षत्र होतो उस दिनं विवाह न करे ।\२२।।
आनन्द आदि योगों के नाम--
जआनन्दाख्यः कालदण्ड धूसर धाता सौम्यो ध्वाक्षिकत् कमेण ।
श्रीवत्साख्यो वच्ङ् मुदगरञ्च छत्रं भिं मानसं पद्यलुम्बौ ॥२३).
उत्पात-मृत्य् किर काण-सिद्धी श्ुभोऽमृतास्यो मुसलं गदश्चं ।
मातङ्ख-रक्षङ्चर-सुस्थिराख्याः प्रवधंमानाः फलदाः स्वनाम्ना ॥२४।
अन्वयः--आनन्दाख्यः, कार्दण्डः, च (पुनः) धूम्रः; वाता, सौम्यः,
व्वक्षकेत्, श्रीवत्साख्यः, वज्रकः, च { पूनः) मुद्गर, छतं, भिव, मानसं,
पदयल्म्बौ, उत्पातः मृत्युः, किक (निश्चयेन) काणः सिद्धिः, शुभः, अमृताख्यः
मूस, गदः च (पुनः ) मातज्-रक्षरचर-सुस्थिराख्यम्रवधमाना: (योगाः स्यः)
स्वनाम्ना फकदाः ।} २३-२४ }।
भा० टी०-आनन्दं १, कालदण्ड २, धूम्र ३, धाता ४, सौम्य ५, ध्वांक्ष ६,
केतु ७, श्रीवत्स <, वस्र ९, मुद्गर १०, छते ११. मित्र १२, मानस १३० पद्म
१४, लम्ब १५, उत्पात १९० मृत्य १७, काण १८, सिद्धि १९ चुम २०, अमृत २१,
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