वायुयान | Vayuyan

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Vayuyan by कांति सक्सेना - Kanti Saksena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ही श्लाघनीय है । उसने मनुष्य द्वारा चलाये जा सकनेवाले दो विभिन्न प्रकार के श्रार्नथिप्टर का रेखांकन भी किया था । एक प्रकार के श्रार्नीथाप्टर में श्रादमी लकड़ी के एक ढाँचे पर लेटकर भ्रपने हाथों श्रोर पाँवों की सहायता से दो या चार पंखीं को पैडलों श्रौर गिरियों से चला सकता था । दूसरे प्रकार के ग्रार्नीथाप्टर में वह खड़ा-खड़ा ही चमगादड़ की भाँति दो या चार पंखों को कई प्रकार के जटिल पैडलों श्रौर गिरयो से फड़फड़ा सकता था । लिश्रोनार्दो दा विची का बनाया हवाई यंत्र का रेखांकन लिग्रोनार्दो ने विभिन्‍न पक्षियों की उड़ानों का भी बड़ी बारीकी से श्रध्ययन किया था श्र हवाई सन्तुलन, गुरुत्वाकषंण श्रौर दबाव के सम्बन्ध में उसका ज्ञान झ्राश्वयंजनक था; परन्तु न जाने क्यों यह तथ्य उसकी समभ में न भ्रा सका कि मचुष्य की पेशियाँ उड़ने के लिए पक्षियों की पेशियों के समान शक्तिशाली करीर सक्रिय नहीं होतीं श्र मनुष्य उनकी भति उड़ नहीं| सकता । ऋ २६ उर




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