ग्रीस और रोमके महापुरुष | Girish Aur Romke Mahapurush
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
26 MB
कुल पष्ठ :
700
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)-. मीस ओर रोमक महापुरुष ।
` १-थीसियस
> सियस कई वातोंसें रोसुलुससे मिलता-जुलता था ।
दोनोकी उत्पत्ति ऐसे व्यक्तियोंसे हुई थी जो
विवाह-सम्बन्धमे नदीं वेधे थे ! इनके वंश आदिका
ट भी निश्चित पता नहीं चर्ता। इन कारणोँसे
28 ॐ साघारणतः लोग इन्हें देवताओंसे उत्पन्न मानते
हूं । चारीरिक बलके ही अनुरूप इनसे मानसिक
बल भी था । एकने रोमका निमाण किया, दूसरेने अधज़को बसाया--
ओर यही दोनों संसारके सवप्रसिद्ध दो बडे नगर हैं । खियोंके अपहरणका
दोप दोनॉंपर आरोपित होता है; दोनों ही घरेलू आपत्तियों तथा. पाररंपरिक्र
“* देपकेः. दिकार इष है ओर जीवनके अन्तिम दिनो दोनोंको ही अपने
देग्राचासि्थोका करोध-भाजन वनना पड़ा !
थीसियस्की व॑ परंपरा इरेक्थिअस तथा एिकाके सवप्रथम निवा-
सियोसे आरंभ होती है ।. उसकी माता. पेरोप्सके वंदा उत्पन्न इद थी:
जो पेलॉपनेससंक' सभी. नरेशोंसे- शक्तिशाली माना जाता है । कारण यह
ˆ बतखायां जाता. है कि उसके पास विशाल सम्पत्ति तो थी ही, उसने. अपनी
लड़कियोंकी. दादी असिद्ध पुरुपोंके साथ करके अपने लड़कोंको भी आसः
“~ पासके झघान राज्योंसें सर्वोच्च पदपर अतिष्टित करा. दिया. था.।. उसका एक
लड़का पीथिअस ट्रोज़ीनियनाके एक छोटे नगरका शासक था। यहँ अपने:
. कारुका सर्वप्रसिद्ध विद्वांदू और बड़ा इद्धिमान् मचु्य समन्ना जातां था ।
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