प्राकृतिक चिकित्सा क्यों | Prakrat Chikitsa Kyu

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : प्राकृतिक चिकित्सा क्यों  - Prakrat Chikitsa Kyu

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about बालकोबा भावे - Balkoba Bhave

Add Infomation AboutBalkoba Bhave

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्राकृतिक चिकित्सा पर श्रामेप २७. कम हो रही थी, १५ दिन मे वह्‌ भौ चली गयी । उस मदने का खर्चे दमेशा की अपेक्षा कम आया । क्योकि दो दिन का उपवास किया; उसमे कुछ खच हुआ नहीं । चाद में चालू खुराक पर राते में पोच-सात्त दिन चक गये । उसमें भी खच कुछ कम पड़ा । इस पर से आप देख सकेगे कि प्राकृतिक चिक्त्सा से खचं ज्यादा पड़ने के वजाय कम आना चादिए । दूसरा कारण यहद है कि केन्द्रीय उपचार में याने केन्द्र से जो उपचार किया जाता है, वह्‌ थोड़ा मर्हेगा पडेगा ही । केन्द्र मे व्यवस्थापक डोकटर, उपचारक, सेवक; दिसाव-किताव रखने पड़ते है । खटियो गदी त्यादि सुविधार्प रखनी पड़ती हैँ । यह खच रोगी पर ही पढ़ता है। लेकिन चिकेन्द्रित याने घर-वेडे यदि उपचार किया जाय, तो उसमे उपयुक्त खच नहीं होता और इस तरदद प्राकृतिक उपचार सरता दी पड़ेगा । तीसरा कारण यह हैं कि प्राकृतिक चिकित्सा हिन्दुस्तान मे अभी वाल्यावस्थामे है, इत कारण सस्ते पचार की खोज अभी वाकी दहै! वह्‌ निकट भविप्यमे होगी; ऐसा चिश्वास है। यह सब होते हुए भी समग्र घष्टि से देखा जाय, तो खादी जसे सहेंगी नहीं है; बसे दी पेंसे मे न देखकर समय चष्टि से देखने पर केन्द्रीय उपचार शायद सहेँंगा स लगे। क्योकि केन्द्र सें उपचार का ज्ञान सिछता हैः और संयम का अभ्यास होता है! उसका भावी जीवन मे खभ मिलता है । लाभ का मत्व ज्ञान और संयम से भविष्य मे कभी वीमार पड़ने को सभावना नहीं रहती । इससे पैसे की बचत ही होगी । इसका अथं यह कि प्राकृतिक उपचार से जो रोगी स्वस्थ होकर जाते हैं; वे छान और संयम से जीवस चिताते ट. सो भविप्य में डॉक्टर के पास जाने की उन्हें कभी जरूरत नहीं रहगी आर इससे पंसे की वचत्त होगी; यह रप्ट ट।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now