हमारे जल साधन | Humare Jal Sadhan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : हमारे जल साधन  - Humare Jal Sadhan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about राम - Ram

Add Infomation AboutRam

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
मेष लीला 9 अध्ययन करते रह और इसवे अनुसार अपनी जानकारी में वृद्धि करते रह 1 सच यह है वि यदि हमारे देण मे वर्या वा मौसमी ओर भौगोलिक वितरण कुछ और अधिव समान होता तो हमारा जीवन और भी ज्यादा सहज ओर सुगम होता । हमारा शपि उत्पादन वडे स्तर पर सिचा्ई-निर्माण वार्यो के विना भी आज से यही अधिक होता । काण हम किसी तरह से आसाम या कोकण वे आसमान पर लदे अतिरिक्त वादला कौ राजस्थान या मराठयाडा वी तरफ धघबेलने था यरीफ वे मौसम मे वर्पा के कुछ वादलों वो रवी मौसम वे लिए वचां कर रना जानते । यह वात आज वी प्रौद्यागिवी के बूते से वाहर है । इसलिए वादला पर स्वामित्व और आधिक क्षमता वे मंयाल घेरे से बाहर वी चीजे है । असमान वर्पा एक और तरीके से भी हमें परेशानी मे डालती है । वर्षा वै मौसम में हमारे नदी नालो में जरूरत से कही अधिक पानी आ जाता है और वाद वे मौसमा मे इनमे बहुत कम पानी रह जाता है । फलस्वरूप साधारण विस्म वी नहरे (और छोटे जलाशय) हमारे यहा काफी नही, क्योकि यह आमतौर पर एसे नदी-नालो कै जल को नियत्रित, उसके जल का उपयोग क्र सक्ती है जिनमे वहाव अपेक्षाइत एक्सा होता हे । हमे चडे-वडे जलाशय भौर इस कारण वडे-वडे वाध वनाने पडते है ताकि वर्पा क मौसम मे वाढ कौ सूरत मे वरसने वाते अतिरिक्त जल कौ भारी परिमाण में इकट्ठा किया जा सके और वाद वे मौसम मे उसका उपयोग किया जा सके । आमतौर पर इस तरह के जलाशय ओर वाध वनाना काफी कठिन होता है भौर महगा भी पडता है। किन्तु इनमें से बहुत से वनाये जा सके है और खूब काम भी दे रहे है । और यही इसानी सूझवूझ भौर कोशिश बड़े प्रभावकारी तरीके से सामने आती है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now