वीरवर्धमान चरितम् | Viravardhaman Charitam

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Viravardhaman Charitam by पं. हीरालाल जैन सिद्धान्त शास्त्री - Pt. Hiralal Jain Siddhant Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्री-वीरवर्घ॑मानचरित १३. पुराणसार सम्रह--इसमें चौबीस तलीथंकरो, चक्रवतियों आदि शलाकापुरुषों और उनके समयमें होनेबाले अन्य भी महापुरुषोके चरितोका वर्णन गद्य ओौर पदमे किया गया है । इसका अ्रगाण ५००० क्लोक है । १४ श्रीपाल चरित १६०० इलोक प्रमाण है 1 १५ सुकुमाल चरित ११०० इलोक प्रमाण है । १६ सुदर्शन चरित ९०० शलोक प्रमाण ह । १७ त्रत कथाकोष--इसका प्रमाण १६५७ लोक है । इसमे २१ व्रतोकी कथाएँ दी गयीहै। जिनका विवरण इस प्रकार है- १ एकावली ब्रत कथा ११. श्रुतस्कन्ध कथा २ द्विकविली ,, १२ दश लक्षण ब्रत कथा ३ रत्नावली पि १३ कनकावली ४ नन्दीइवर पक्ति कथा १४ पुरन्दर विधि ,, ५ क्षीककल्याण कथा १५ मृक्तावलो ब्रत ,, ६ नक्षत्रमाला ब्रत कथा १६ अक्षयनिधि ,; ७ विमान पक्ति ,, १७ सुगन्ध दशमी ,, ८ मेरुपक्ति र १८ जिनमुखावलोकंन कथा ९ श्रुत ज्ञानविधि कथा १९ मुकुट सप्तमी ब्रत कथा १० सुख सम्पत्ति ,, २० चन्दन पष्ठी ब्रत कथा २१ अनन्त व्रत कथा केथा 1 १८ तत्त्वार्थदीपक-तत्त्वार्थसुत्रके प्रमुख विषयों पर प्रकाश डालनेवाले इस प्रन्थका प्रमाण ११०० श्लोकं ह । १९ आराघना प्रतिबोध ५५ रछोक ह । २० समाधि मरणोत्साह दीपक २१५ श्लोक हैँ । उपर्युक्त सर्व ग्रन्थोकी हस्तलिखित प्रतिर्यां एे° पन्नाखाल दि० जैन सरस्वती भवनमे विद्यमान है । उन्हीके आघार पर उक्त ग्रन्येकि इलोकोका प्रमाण दिया गया है । इनके अतिरिक्त सकलकीर्ति-रचित समाधि- मरणोत्साह दीपक नामक ग्रन्थ सानुवाद प्रकारित हो चुका है । उक्त ग्रन्थोके अतिरिक्त राजस्थानके जनशास्त्र भण्डारोकी ग्रन्थ सूचीमे सकलकीति-रचित निम्नलिखित ग्रन्थोका जौर भी पता चखा है- १ अष्टद्धिक पूजा सस्कृत ९ आदित्यवार कथा हिन्दी २ गणधर वल्य पूजा ,, १०. आराधना प्रविबोध ,, ३ उत्तरपुराण र ११ मुक्तावली कथा क ४ राम पुराण लि १२ मुक्तावली रास ५ ५ यशोधर चरित ,, १३ सोलहंकारण रासि ,, ६ धन्यकुमार चरित ,, १४ रक्षाबन्धन कथा सस्कृत ७ चन्द्रप्रभ चरित ,, १५ नैमीश्वर गीत हिन्दी ८ जम्बूस्वामि चरित ,, १६. रत्नत्रय रास कौ उक्त ग्रन्थोके अतिरिक्त प परमानन्द रखे हैं-- शास्त्रीके लेखानुसार निम्नलिखित अम्ब भी सकलकीतिने




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