निर्ग्रन्थ भजनावली | Nirgranth Bhajnawali

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Nirgranth Bhajnawali by श्री चन्द्र - Shree Chandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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झनुक्रम क्रम संख्या विषय पृष्ठ १. मांगलिक ( प्राकृत खण्ड ) १से £८ १ चत्तारि मगलम्‌/ २. दशवैकालिक सूत्र के प्रारम्भ के चार श्रघ्ययन/ ३. उत्तराध्ययन सूत्र का चौथा, नवमा, दसवा, तेरहवा, अ्रट्वाईसवा श्रध्ययन/ ४. वीरस्तुति / ५. उवसग्गहर स्तोत्र/ ६ तिजयपहुत्त स्तोत्र/ ७. सुभाषित// ८. सम्यक्त्व का स्वरूप व फल/ £. सामायिक का स्वरूप व फल/ १०. सिद्ध एवं वीर वन्दना/ २. पंच परमेष्ठि तीथङ्र-वन्दन-स्तुति-भजन-स्तवन ( सस्त खण्ड ) ६६ से १६० १. मंगलपाठ/ २. श्री जिनपजर स्तोत्र/ ३. सोलह सत्ती स्तोत्र/ ४. भवपाशमोचक स्तोत्र/ ५. श्री वच्रपजर स्तोत्र/ ६. श्री भक्तामर स्तौत्र/ ७. श्री कल्याणा मन्दिर स्तोत्र/ ८. श्री चिन्तामणि पार्वनाथ स्तोत्र/ ६. श्री महावीराष्टक स्तोत्र/ १०. श्री परमात्म द्वात्रिशिका/ ११. रत्नाकर पच्चीसी/ १२. श्री परमात्म पंचविशतिका। १३ मगल भावना ॥, के मांगलिक, पंचपरमेष्ठि ती्थङुर भ्राचायं-सन्त-सति- गुरु-स्तुति भजन स्तवनं ( हिन्दी खण्ड ) १६१ से २६६ १. चत्तारि मंगलमू/ २. धम्मो मंगलम्‌/ ३. ्ररिहन्त जय जय ४, श्रोम्‌ जय प्ररिहताणं/ ५. वाचित पूरे/ ६. सुख




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