क्रान्ति - महारथी | Kranti - Maharathi

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Kranti - Maharathi by धर्मपाल अवस्थी - Dharmapal Avasthi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about धर्मपाल अवस्थी - Dharmapal Avasthi

Add Infomation AboutDharmapal Avasthi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१६ / ”**“क्रान्ति-महारथी ज़रूरत पड़ती है, इसीलिए शेक्सपियर जेसे ट्रेजडी-साहित्यकार कथा-क्रम में ड्रैमेटिक रिलीफ़ की अवतारणा करते रहे हैं, महन्त का उक्त प्रसङ्ग भी ड्रैमेटिक रिलीफ़ की ही उद्धरणी प्रस्तुत . करता है । संस्मरण'-नामक सर्ग में कोई कथा-क्रम तो नहीं, वह भी शायद स्बमनोविनोदात्मकता आदि में ड्रेमेटिक रिलीफ़ के लिये ही है जिसकी आवश्यकता भी होती है और साथेकता भी । इलाहाबाद का. अल्फडे-पाकें अमरबलिदान का. महाकेन्द्र है । अमरबलिदान' इस घहराती कथा-महाधारा के धारा-सम्पात का अन्तिम अध्याय है । यह वही अध्याय है, जहाँ जगरानी का महावीर सपूत स्कन्धावार में नहीं, युद्धभूमि में, मातृभूमि की बलिवेदी पर आत्माहुति से अपने जन्म-पक्ष शुक्ल-पक्ष की अथै- वत्ता प्रमाणित फरते हुए आजाद नाम साथेंक कर जाता है | इस अध्याय में श्ंगार (मृत्यु से), करुण, रौद्र, वीर, भयानक, बीभत्स, अद्भुत और वैराग्य को मिलाकर सब रस हैं पर हास्य बहुत जगहों अपनी साथकता नही रखता, शायद इसी से आचार्यों ने इसे उपरस कहा होगा । अमरबलिदान का प्रसड्‌ग अतीव ममंपूर्ण और अन्तरतम को वेधने वाला है । कथाध्वसान का यह स्थल अपनी चित्नोपमता और निःसगं-निःश्रयित प्रक़ृत्यात्म- भाव का निद्शन है । प्रकृति न तो किसी के सुख से सुखी, किसी के दुःख से दुःखी भी नहीं होती , अन्दर-भन्दर ऐसा होता भी हो तो हम संसारी एसा कुष वास्तव में नहीं जानते पर मनुष्य का मन बड़ा विलक्षण है, कवियों का तो विलक्षणतर तभी तो शीतलता का पर्याय चन्दन, “चन्दन दाहक गाहक जी को' भी होता है । प्राकृतिक उपादान कभी हमारे साथ सहानुभूति रखते, कभी साथ रोते-गाते और कभी हमारे साथ उपहास करते भी जान पड़ते हैं, वे हम पर सवेथा कृपालु होते भी बताये गये हैं, इस कोटि के प्रकृति-चिन्नण को प्रकृति का मानवीकरण भी कहते है, जिन्होंने प्रकृति में पारस्परिक सम्बन्ध-व्यापार को, प्रकृति मानवात्मा की ही प्रतिष्ठा कर मानवीय सम्बन्ध-व्यापार के अनुसार देखा, कहा,




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now