श्रवण बेल्गोल और दक्षिण के अन्य जैनतीर्थ | Shravan Belgol Aur Daxin Ke Anya Jainatirth

Shravan Belgol Aur Daxin Ke Anya Jainatirth  by श्री राजकृष्ण जैन - Shri Rajkrishna Jain

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री राजकृष्ण जैन - Shri Rajkrishna Jain

Add Infomation AboutShri Rajkrishna Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१५ णि प्राला $ मलाभ गप्ध्ात्‌ल णम एटा1ह्०ाऽ 200 कटा प्लाट एव्र गभि 1०0. एप्प 1 (1351-377-8 4^..), 13 ००६ ० णि ध16€ -भाञ-$भभाप22 (गान पा 0८ 25 2016 10 €र्तः वपा [75 ल्ट. {118 ए 156] ९४८३ णि पाल क्ण 2ए८ पो2॥ [भाश 76 ८८१८ 2 € [थार्ध३ 0 प्ल लभा 0198 ° +} ग 12212. 3717 2टणय, 16 वृ पल्ला ० 6५2 ८४2 1, 18 ऽवत (0 92४८ 0८८. 2 तवाऽलाल ज ४ [02 प्८व्लाल 4011729 2-(ा वापा -एभाताष्वला2$2 भात्‌ (0 दण्ट 17151216 अआ 178८ 9 ऽभापाध््9 2 ७72९2112. 23610012. 1प्टभु02, फिट हिलाल] ° एप्त. [ (385 1406 4.13.) 18 ललिव ८ पा अआ [5८010 2६ पतभ 28 [भ्ण एप 2 पलल णि फिट धृती (1 ्ाद्ादा2 इ पाप्ीप्राद्ा2 1 1285 4.7)., 27 म प्शल-प् 2] 17 पाट [212 7 16 24 [1712-1 शाला1- प्राणो 10 1387-88 4.70. 178लधला§ 1 (€ [4 (टाएए16 0 फिट सप्निभा वदाव [177 द शा12- ०८५० रिक ( 1510-29 4.7. ) टल ४0 € 7९8 पगलाः अगा श्रात्‌ लातम्शपालाा§ (0. दिए {€ा11}0168. 41771051 21] 16 7पालऽ तवश) 0 ९९2२2 ९22 11246 हाक्ाा8 (0 व भय2, लपि अत्‌ (ल€ पगला €00 पषा. ऽप्ला 28 2180 एष्टा धल अ्प्पतल 0 प्ल ल्प. तथ८01र' त 7णाजा पपालयऽ पावला 111८ 1] वथा ठका 78 वपत ग पो एणीए् 0056 0 हफए301८ (09४2108 धि प्राशराा, अ क्प॑ध्पवल पादौ [प्ता (माप्रा ५० 0 पाल [लड 29, [1 23 ऽदात्‌ (24 उना 0 धा€ प्राप ए0टाऽ [प्ट ४८ पलत ग (लागु 1 0८ क्षा 0 दा] [0०६886५1 भा स्मि) भात्‌ [लि कण्णापा्लाध७ म पाएम(९०९८ 1१ पाट [० ण भ अरौ .




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now