लन्दन में भारतीय विद्यार्थी | Landan Men Bharatiy Vidyarthi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
270
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रयर परिच्छेद &
दने लगा । दद्द चाहता था कि से दिदेश यात्रा और पात्रस्य
सभ्यता का कु. ज्ञान हो जाय । उसने दो ठीन पुस्तक, लो भारत
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में न मिल सकी उन्दें दी० पी० द्वारा लन्दून से मेंगदा कर पढ़ा
कन्दु इतनी पुत्तकें पढ़ लेने पर भी उसे पुं खन्तोष न हुसा। हो
^ रेखे सरता था ९ जिस देश, स्थान अथदा दस्तु को न देखा
उषे लिये दिचार करना देखने के समान नददीं हो सकता 1
ली सभ्यता छे विषय मे उखमे ङ ऐसी दातें भी पटी थीं जिनका
सभ्यता मे होना उसे इन्ध ससम्भव-सा प्रठीत हुआ, ययपि
दातों के विषय में उसने 'झंप्रेजी उपन्यासों में जदश्य पढ़ा
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र गैर उसे इस सभ्यता मम हनः ङ्गा क जिन चस्ति
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एक दिनि स्देरे मदन अपने कमर में देठा हा एन्वक षट्
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