उतराध्ययन सूत्र का हिंदी अनुवाद | Uttaradhyan Sutra Ka Hindi Anuvad
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
507
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)म्
मूर भौर छेद इन चार विभागों मे से मूर विभाग में इसकी गणना की
जाती है ।
भगवान महीर फे मोक्ष जाने के वाद् ( बारह वर्ष पीछे गौतम
मस्वामी सुक्त हुए थे ) उनके पाट पर प्ाह्यणङ्कजति श्री सुधमंत्वामी
` भाये भौर चीर निर्वाण के २० ब्षे पीछे वे भी मुक्त हुए । उनके भाद
उनके पाटपर श्री जंबूसामी विराजमान हुए--(धघीर चंशावलि, जैन
-साहिव्य सं्नोधक )”
इस कथन पर से उन्तराध्ययन की प्राचीनता तथ अद्धतता स्वयमेद
न्पष्ट हो जाती ६। ५ १
पूर्वकालीन भारत--धार्मिक युग
भगवान महावीर का युग--एक धार्मिक युग तरीके माना शी 1
उस युग में तीन धर्म मुख्य थे; जिनके नाम चेद, लैंन भौर बौद्ध
धर्म दं |
उख समय वेद् भौर जैन ये दो धमं प्राचीन ये, वोद धमं भर्वाचीन
-था| एक स्थान परः डाक्टर हर्मन जैकोवी आाचारांग सूत्र की प्रस्तावना
म्में छिखते हैः--
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यह थात भव सर्वमान्य ष्टो घु टै कि नातपुच्र ( छञातिपुत्र ) जो
अदावीर अथवा घर्घमान के नाम से विशेष प्रसिद्ध दैं; ये घुद्ध के समका-
छीन थे भौर निर्गमय (८ निर्य ) जो साजकर जैन भधवा सादत नाम से
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