सामान्य मनोविज्ञान की रूपरेखा | Samanya Mnovighyan Ki Rooprekha

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Samanya Mnovighyan Ki Rooprekha by अवधेश कुमार - Avdhesh Kumarराज राजेश्वरी प्रसाद सिन्हा - Raaj Raajeshwari Prasad Sinhaविमल प्रसाद राय - Vimal Prasad Ray

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राज राजेश्वरी प्रसाद सिन्हा - Raaj Raajeshwari Prasad Sinha

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विमल प्रसाद राय - Vimal Prasad Ray

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(६ ) किसी प्रकार की श्नुभूतियाँ ही हैं, जो वातावरण से उपयुक्त श्रभियोजन { 20] पऽ }) ऊ लिए त्राव्यक हैं | (३) य्यवहार ( 207०४ }--विस्तृत श्रथ मे व्यवहार से भी प्राणी की खारी प्रक्रिया का बोध होता है । ये प्रक्रियाएँ चेतन हों त्रथवा चेतन, शारीरिक श्रथवा मानसिक इन्हें दम व्यवहार की दो संज्ञा देंगे । इस विस्तृत श्रयं मे मेकट्ूूगल (7५ 0प्ष्ठश्‌] ) ने मनोविज्ञान की परिभाषा देत हुए कहा था कि मनोविज्ञान व्यवह्दारों का समथक विज्ञान है। 2९४८५0०10छुघ्र उड € 05६४८ 5616766 एलाकछा०फा. ) परन्तु बाद में चलकर ग्यवहारवादी मनोकेज्ञानिर्को ने “व्यवहार” शब्द मं स्फ उन प्रक्रियाद्ो को सम्मिलित किया. जो पूर्णतः शारीरिक हैं श्रौर जिन्हें हम बाहर से देख सकते हैं. जैसे--दौड़ना, हँसना, रोना, खाते समय मह को चलाना श्रादि। परन्तु व्यवहार को भी मनोविज्ञान में हम संकुचित श्रथ म नदीं अर्ण करते | ज्यवदहार श्रर श्रनुमूति दोनों को उनके विस्तृत श्रथं में देखने से पता चलता है कि दोनों मे एक झ्न्योन्याश्रय सम्बन्ध है श्र्थात्‌ दम एकको दूसरे ने सर्वथा श्रलग नदीं कर सकते । व्यवहार को त्रनुभूति से प्रथक्‌ कर दिये जाने पर उसका कोई अर्थ नदीं रहता । हम श्रपने तथा दूखरो के व्यवहारो का श्मध्ययन अ्नुसूतियों के माध्यम से ही कर पाते हैं । (४) श्रनुभूतियों के माध्यम से ( [एपह]ए660 10 (टाए18 04 ©] ९०८ }--दम दूसरे के व्यवदारों को श्रपने गत अनुभवों के श्राघार पर खम जाते हैं। जब कोई व्यक्ति श्रखिं लाल-लाल किये, जोर-जोर से बोलता है. तथा अंग संचालन करता है तो परिस्थिति विशेष को देखकर म तुरत उ व्यवद्ा्येका अथं समम लेते हैं कि श्रमुक व्यक्ति क्रोघित हो गया है तथा सके व्यवहार उसक क्रोध के सूचक रहं] यहाँ दुसरे के क्रोघपूर्ण व्यवहार का श्रथ हमने अपनी अनुसूति के द्वारा जान लिया । श्रस्वु व्यवहारो का श्रथं स्पष्टीकरण श्नुथूतियों के द्वारा होता है । मनोविज्ञान की एक दूसरी परिभाषा :-- य्ह ध्यान रखते की बात यद ह्‌ कि मनुष्यो के व्यवहार वात्तावस्णं से ्रभिवोजन ( त्‌णऽ्णलत६) के लिए ही किये जाते हैं। झस्ठ,




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