सतीमण्डल और स्त्री पुरुषों के धर्मं भाग १ | Sati Mandal Aur Stree Purushon Ke Dharma Part 1

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Sati Mandal Aur Stree Purushon Ke Dharma Part 1  by केशवजी विश्वनाथ त्रिवेदी - Keshavji Vishwanath Trivedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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खतीमण्डर और स्त्रीपुरुषोंके घर्म । श्याग प क २७ द इपर पुर्तककों बम्ब प्रान्तके सरकारी रिक्षाविभागने व गायकवाड सरकारके रिक्षाविभागने पारितोषिक तथा छायनरेरैके यि स्वीकारकी है। गुनरात वनौ- क्युलुर सोसाइटीने, जूनागढ तथा कच्छ राज्य इत्यादिने इसकी उत्तमताकों स्वीकार कर उत्तम आश्रय दिया हे | गुजरात साक्षर मण्डलने उत्तम सो पुस्तकोंमें इसकी. गणना की है और इसके भिन्न २ भाषामें अनुवाद करनेकीं सूचना मिली है इनसे तथा नीचे दिये हुए सम्मति पत्रेंकों पढनेसे इस यन्थकी उत्तमता मालूम होगी । ~ - ><-~ सम्सति पत्र । रावसाहेब गणपतराम अलुपराम काटियावाड़ ट्रेनिंग को ेजके भूतपूय प्रिन्सीपठ साहेब और “जात मदेनत इत्यादि पुस्तको रचयिता छिसखते हैँ कि- (आपकी पुर्तक मिट, बह छि्योको अत्यन्त उपयोगी हे जिससे मेन अपनी स्रीको दी} उस्ने पठकर इसके सम्बन्धे बहुत ही सन्तोष प्रकट कियाहे । मेने भी आपकी पुस्तक पटी हैं। आपके पुस्तकका उद्देश बहुत ही उच्च है । देशाभिमान व परमार्थवुद्धि युक्त है । आपने आर्य ग़हसंसारकों पवित्र तथा प्रेमी करनेका विषय हाथमे छया ह व उससे आप जनमण्डल्के उपर आपने वास्तविकमे उपकार किया हे। अपनी गुर्जरभाषामें अन्य भाषाओंकी अपेक्षा ग्रन्थ भंडार कम है ओर उसमें भी छी उपयोगी यंय तो बहुत ही कम है । ऐसे समयमें आपने इस ग्रन्थ प्रकट कर गुर्जरभाषाकी एक अच्छी सेवा की है और अपने स््रीवरगके हाथमें एक अमूल्य रत्न दिया है। आपने अपने य्रन्थमें आदिसे अन्ततक ऐसी सादी तथा सरल असरकारक माषारोढी रक्खी है कि जिससे आपने जिनके लिये पुस्तक छिखी है वे अच्छी तर- हसे लाभ ले सकेंगी इसमें सन्देह नहीं । आप अपनी पुस्तक अहमदावादकी बुक कमेटिकों अवश्य भेजिये। सुझे आशा हे कि वह पारितोषिकके छिये स्वीकार होंगी । यही नहीं; किन्तु कम्याशाछाओं में एक वांचनकी पुस्तक रुपसे वह सवाकित होगी ऐसी मुझे आंशा हे ।




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