गुप्त साम्राज्य | Gupt Samrajya

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Gupt Samrajya by परमेश्वरीलाल गुप्त - Parmeshwarilal Gupt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय-सूची संघान-स्रत्र अभिलेख + १-५० गुप्त अभिख्ेख २; समुद्रगुप् के अभिलेख ३-११; चन्द्रगुस्त ( दितीय ) के अभिलेख ११-२०; गोचिन्दगुप्त का अभिलेख २०-२१; कुमार- गुप्त ( प्रथम ) के अभिलेख २१-२८; स्कन्दगुप के अभिलेख २८-३५; कुमारगुस (द्वितीय) का अभिलेख ३५, पुरुगुत के पुत्र का अभिलेख ३५-३८; बुधगुत के अभिलेख २८-४१; वैन्यगुप्त का अभिलेख ४१; विष्णुगुप्त का अभिलेख ४२-४४; गुसकारीन अन्य अभिलेख ४४-४६; गुप्त सबत्‌ से युक्त अभिलेख ४६-४७; अनुमानित गुप्त संवत्‌ युक्त अभिलेख '४५८-४१; शुम-सम्बन्धी अनुशरुति-चचित परवर्ती अभिलेख अपन | ७ मुहर ९५१-५६ मितरी से प्राप्त धावु मुददर ५१-५३; बसाद से प्राप्त मिट्टी की मुहरे ५३; नालन्द से प्राप्त मिड्ठी की सुष्टरं ५३-५६ । सिक्के ५७-९८ सोने के सिक्के ५७-८६ ( धातु ल्प ५८-५९; चित ओर का अंकनं ५९-६६; पट ओर का अंकन ६६-६८; अभिलेख ६९-७८; सोने के सिक्कों की उपलब्धियों ७८-८५; उपलब्धियों का विश्लेषण ८६ ); सोने के उभारदार छ्िक्के ८६-८७; चाँदी के सिक्के ८७-९३; तंबि के सिक्के ९३-९८। साहित्य ९९१५६ देशी सामग्री ९९; विदेशी सामग्री ९९; पुराण १००-१०३; कलियुग- राज इत्तान्त १०३-१०७; मजुश्री मूलकस्य १०७-११६; हरिवंश पुराण ११६-१२०; तिलोय-पण्णति १२०-१२१; कोमुदी महोत्सव १२१-१२३; देवी चन्द्रगुप्तम्‌ १२३-१३२०; मुद्राराक्षस १३०-१३१; कृष्ण-चरित १३१; सेतुबन्ध १३१-१२२; बासवदत्ता १३४; बलुबन्धुन्चरित १३४-१३६;




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