गर्भावस्था तथा शिशुपालन | Garbhavastha Tatha Sishupalan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
224
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about सुदर्शन भाटिया - Sudarshan Bhatia
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)9. गर्भवती की छाती में जलन होना
जब भी गर्भवती युवती के शरीर में पित्त बढ़ जाएगा, उसको छाती में जलन
महसूस होने लगेगी । छाती की जलन से छुटकारा पाने के लिए-
(1) नींबू का अचार खाएं।
(2) नींबू काटकर इसे काले नमक के साथ चूसें ।
(8) मिल्क ऑफ मैग्नेशिया दवा विक्रेताओं से आसानी से मिल जाता है।
... इसे लें । तकलीफ़ नहीं रहेगी।
(4) गोलियों के रूप में भी यह उपलब्ध है। एक ही गोली पानी से ले।
तकलीफ से छुटकारा मिलेगा। छाती की जलन बंद हो जाएगी ।
परेशान रहने की बजाय, तुरंत उपचार कर लें । ठीके रहेगा।
3. गर्भवती के पेट में दर्द रहना
गर्भवती नारी के पेट में दर्द होना या दर्द रहना, जो कि पांच मास के गर्भ
के समय हुआ करता है, एक साधारण दर्द है । इसका प्रसव के दर्द से कोई ताल्लुक
नही ।
# बिना दवा के भी यह ठीक हो जाता है।
# काम करते समय हुआ है तो थोड़ा आराम कर लें। अपने काम को वही
छोड़कर 'रैस्ट” करें। दर्द ठीक हो जाएगा।
# यदि लेटे-लेटे पेट में दर्द महसूस होने लगा है तो उठकर बैठ जाएं। थोडा
.. चलेंअफिरें। दर्द नहीं रहेगा।
& यदि साधारणक्तया ठीक न ह्ये तो अधिक प्रतीक्षा न करें। डॉक्टर की
सलाह लें।
4. गर्भवती को कब्ज हो जाना
स्वयं गर्भवती इस बात कं लिए पूरी तरह सचेत रहे कि उसे गर्भकाल मे
कब्ज बिलकुल न होने पाए । थोड़ी-सी सावधानी करके वह इस तकलीफ से छुटकारा
पा सकती है। वैसे देखा जाए तो गर्भ धारण करने के कुछ समय बाद अक्सर
यह शिकायत रहती ही है। जो सावधान हैं, उन्हें यह तकलीफ़ नहीं होती। या
शीघ्र ठीक हो जाती हैं।
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए-
# अधिकाधिक पानी पीते रहना चाहिए । यह नहीं कि प्यास लगने पर ही
पानी पिणएं। अक्सर पीती रहे, तव तो शिकायत का नामोनिशान नही
रहेगा |
नारी-शरीर का प्रमुख धर्म “गर्भ धारण' / 17
User Reviews
No Reviews | Add Yours...