लेखाशास्त्र कक्षा - 11 भाग - 1 | Lekhashastra Kaxa - 11 Bhag - 1

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Book Image : लेखाशास्त्र कक्षा - 11 भाग - 1  - Lekhashastra Kaxa - 11 Bhag - 1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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10 1.3.5 बजट उपतत्र यह आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट बनाने तथा वर्तमान बजट के वास्तविक कार्य-संपादन से इसकी तुलना करने से संबंधित है। उपरोक्त विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि लेखांकन एक ऐसा उपतंत्र है जिससे संपूर्ण संगठन प्रभावित होता है। संचालन तंत्र, वित्तीय: तंत्र, लेखांकन तंत्र, कर्मचारी तंत्र तथा विपणन तंत्र एक संगठित इकाई के विभिन्‍न उपतंत्र हो सकते हैं। लेखांकन प्रबंध सूचना तंत्र के एक आंतरिक भाग के रूप में न केवल आंतरिक उपतंत्रों को प्रभावित करता है अपितु बाहय वातावरण से संबंध रखने वाले उपतंत्रौ जैसे-- सरकार देनदार. उपभोक्ता तथा सामाजिक आर्थिक वातावरण के अन्य उपतंत्रो को भी प्रभावित करता है। संगठन को इस दृष्टिकोण से देखना लेखांकन तंत्र के लिए निम्न कारणं से महत्वपूर्णं है : 1. केवल लेखांकन सूचना त॑त्र ही एक एसा उपतंत्र है जो प्रबधकों व सूचना के बाहुय उपयोगकर्ताओं के समक्ष संपूर्णं संगठन का चित्रण करता है। 2. लेखांकन सूचना तंत्र अन्य सूचना तंत्र जैसे - विपणन, कर्मचारी शोध एवं विकास तथा उत्पादन इत्यादि को इस प्रकार एक दूसरे से जोड़ता है कि अन्य उपतंत्रों की सूचना अंततः वित्तीय योजनाओं में सहायता प्रदान करने के लिए वित्तीय आँकड़ों के रूप में प्रस्तुत की जा सके। लेखाशास्त्र 3. सामाजिक उत्तरदायित्व तथा मानव- संसाधन जैसे क्षेत्रों की गैर-वित्तीय सूचनाएँ लेखांकन सूचनाओं के साथ इस प्रकार एकीकृत की जाती है कि संगठन को निर्णय लेने मेँ आसानी हो सके। 4. लेखांकन का अन्य उपतंत्रो के साथ एकीकरण अत्यंत तीव्र गति से व शुद्धता के साथ सूचनाओं को उपयोगकर्ताओं तक पहुँचाता है। 1.4 लेखांकन सूचना तंत्र की गुणात्मक विशेषताएँ लेखांकन का उद्देश्य एक उद्यम की वित्तीय स्थिति, कार्य संपादन व वित्तीय स्थिति में परिवर्तन के बारे में उन सूचनाओं को प्रदान करना है, जौ आर्थिक निर्णय लेने में उपयोगकर्ताओं के एक बड़े समूह के लिए उपयोगी हो। उपयोगी होने कै लिए लेखांकन सूचनाओं में विश्वसनीयता, प्रासंगिकता, बोधगम्यता तथा तुलनात्मकता का गुण होना आवश्यक है। 1.4.1 विश्वसनीयता कोई भी सूचना तभी विश्वसनीय मानी जाती है जब वह पूर्वाग्रह से मुक्त, अशुद्धं न हो ओर विश्वासपूर्वक वह वही तथ्य प्रस्तुत करे, जो उसे प्रस्तुत करने चाहिए। साथ ही किसी निर्दिष्ट उद्देश्य के लिए उसके उपयोगकर्ता विश्वास कर सके ओर उस पर निर्भर रह सके ओर यह सुनिश्चित करने के लिए कि सूचना-विश्वसनीय है, इसे जाँच-योग्य, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय रूप से आर्थिक एवं वित्तीय स्थिति को दर्शाना चाहिए।




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