जयजिनेन्द्र | jay jenendra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
672 KB
कुल पष्ठ :
34
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ )
भजन ने० ॥ १५ ॥
तजे--थियेटर ।
चो रख मि, चखो रट मि, चो रख मि दम सच
सारे, सुनिराज है तारन हारे ॥ ठेर ॥ पुज्य जवादिप्टाख्जी
मुनिराया । जैनध्म को खूब दियाया ॥ क्रोध मान माया को
मारे ॥ मुनि ॥ १ ॥ माता नाथि वाई के जाये । पिता जीवराजजी
हरखाये ॥ जन्मे थांदले शहर खुखकारे ॥ मुनि ॥ २ ॥ दीक्षा मगन
मुनि से पाई । मोतीलालजी है गुरुभाई ॥ जाऊ' सदा ईनकी
वलिद्दारे ॥ मुनि ॥ 9 ॥ पच महाव्रत निरमख पाले | पट्काया के
है रखवारे ॥ सुमति पच गुप्ति जण धारे ॥ मुनि ॥९॥ नीति न्याय
सिद्धांत अति जाने ! जेन आगम खूच पदिचाने ॥ वाणी अग्रत रस
वस्पारे ॥ मुनि ॥ ५॥ ऐक नव दोय सात में आये । मुनि
णकादश सग लाये ॥ शहर वीकनेर गुकजारे ॥ मुनि ॥ ६ ॥
नेमचन्द् मुनि शण गावे । द्रशनं कर अति खख पावे ॥ चद्णा
हो वारम्वारे ॥ मुनि ॥ 9 ॥
॥ इति ॥
भजन नं० ॥ १६ ॥
तजे-लेलो २ वीर प्रभु प्यारे की लोड़िया लेलोजी ।
पुज्यजी का किया है द्रशन के चित्त इरखाया जी ॥ टेर ॥
पंच मद्दात्रत चिरमल पाले । पंच खुमति अनुसारे चाले नरनारी
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