चिन्मय | Chinmay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चिस्मय ७ में उस अर्निय युन्दरी को देखता री गह गया 1 सरकार साहव की विशेष कृपा को उस मोंटेल की सहज स्वीकृति जेंने मिल गयी हो । रंगौन परोंवाली तितली की तरह सुसकराहट उसके चेहरे पर, पर फेला कर उड़ गयी । मैं सम्माहित सा, ठगा हुआ सा, वहीं खडा रह गया । तय उसने कहा, गे एण्ड निट! मुझे असमथता, अनानता का भान हुआ । कापी पेसिल सभालकर, एक खाली सीर पर, सबसे पीछे बैठ गया । देखता रहा, उस मोटेल की ओर, जो मरी ओर नहीं देख रही थी । दैमोस्ट्रेटर महोदय आ गए। प्रविष्ट व्रियावियो क पाय ने उन्होंने प्रवेश टिकट ले लिए। मेरे पान भी आए, तभी उसने आकर, जैसे अचानक याद आ गया हो, कहा, सरकार साय आए ये । उन्होंने इनके बारे मे कहा है कि इन्हें चेठने दिया जाय । स्ट्रटिर ने सुससे फुछ भी नहीं पूठा । वे दोनों साथ ही साथ सामने सजाए हुए त्तस्तें पर चले गये । टेमोस्ट्टेर महादय तख्ते से नीचे इतर आये । सामन वटे नियायियो के। प्रारम्मिझ निर्देशन देने लगे । वह महिला तस्त पर सदी हो गयी । लगा कि जमे बह सारा क्ठास को नौलने का प्रयत्न कर रही हो । एक ही क्षण के पधात नेयमी नार्य नीचे सरकने लगी 1 वर पास ही एफकनित हो गये । उसका गोरा शरीर अनावरण हो गया । नम | म उपर्‌ म नेचि नक विद्र सखा गया पठन ठार नानोदय हुभे~-परट स्य है । से एफटक इसकी सर देता न्दा । टमेद्धदर कटी निमा मे सोवा झुसा तो चेय चनासे में नस्टीन हो गया मार भावनाएं पेस्ट से रीची जनियार्टी रेगाजा में जद ही दनी रहीं दिन गोमय न्म जाने गया ५} 4} +~ ५ 4 [1 श ~ व गया था उसके आनार्रप झधिए ना उनि ला सकता । न्ह ~~ यारिए भट सन गया |




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