श्री वीर मालोजी भोसले | Shri Veer Maloji Bosle
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)समोका. कोटं वना इभा था... अन्तमें . कोई: उपाय सः देखकर यदन
सरदार - - वद्ुरखने शख . ङा: ; दिये, वीर भारो वेरोमे किर
जा “दिया ओर कदा “ वछ्छाद.! क्या कना ! खद् आपकी उग्र द्रज करः {स;:
आपकी जर्वमदी भीरः दिलेसीः देखकर वागं > दगया । अब यह भाजिज :हुजर.
दी की तदिदारीभें दाजिर दै । जो ङछ इस आजिजने विना जोचे खतां, की,
“उसकी खंदाने खजादी, संगर अव यद कंप्रतरीन इजूरकी खिद्मतम हाजिर दे ।..
: इख्तियार मालिककीं हे.ख्वाद जानवस्दौ ख्वाद गर्दन मारे ” । +
:: माछोजी को उसपर दया आंगई और दद् बोले.“ अच्छा खाँ साहब तुमने.
अपने किसका: फुल तो 'वखद्दी लिया । अंपने- सो -सखवासो. _खवारोंकी बाछि इस :
इणभूमिे. देखुके. इंसखे में आविक कया कहूँ । परम्ठ याद रखना अवकी वार में.
. तुमको छोडो हूँ किन्तु जो फिरदूसरीवार तुले स्या किया दो. अवश्य्टी अपने `
-प्राणसे ठुमके दाथ घोनि पडंगे । अच्छा जागो 7 । ॥
` :, अस इतना कदरः माङोजीने उखे छोड दिया 1 ठीक द “क्षमा वीरस्य;:
भूषणम् ” वीरोंका भूषण क्षमा करनाही दं ! व
८ यंवन सवार आये तो थे अपनां आतंक जमाने और धने लूठने; परन्तु. इस-
तेर्दपर गांठकी पूँजीभी खोकर अपनासा सह किये घरंको गये । ¢ व्यवेनी गये .
_च्चेजी दोने रदगये गांठके दुल्बेजी 1... | ~
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कैराका दिश्ह
(1 श्रावणगक्ता मदीना दै दिके. ५॥ वजनेच्ां पय हैं; काले.डरादने बादल ..
की ओस्पे.शकस स्थं भगवान्, दिनकरो सति बमा रहे है, केवर कभी. २ अपना `
दिखे. र. पने विदयमान् नेरी सुचना देके लिये चल यवदीदी
दि बांदलोंकी खिईकियोमेंस झण २ सरके स्यि गरदन निकार देते दैः परल.
: बादखोको उनका. ईतनीःस्वतचता. सी पसंद. नदं भती इखल्ियि वे तुश्तंदी पिर `
उनकी ढांक देते हैं; कभी २ विजंखी भी वमक अथरेका.उजेरा वने देती
: ओर छोमोकी अखि चद्रन्ोध करलेभे अपनी .क्क्त आर पयक्तमकौ दमनः
८ दिखाःस्दी दे 1 उण्णकारुकी अड ण्रमीखे .दुःखित-अिः प्यासी रमि : ववाक्ः
पानी पीकर देखी भरसन्र हरदी दं कि. कुछ कंदा नहीं .. जाता, ` केवल ` इत्तनादी “
` “न वरम् छक्के मारे उसने. इतना -अनापयानास पानी : रीखिया दे, सिये.
.मछप्यकी.डकायेकी, तरद उरूभेदे भी जगह २. पानी दं ,२ एरकः निकः रदा ¦
51 स्थान २ रदाय भरी . हुई: तलाइयॉमिस: निकलकर. हरियालीकी और
; ८4
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