श्री वीर मालोजी भोसले | Shri Veer Maloji Bosle

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Shri Veer Maloji Bosle by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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समोका. कोटं वना इभा था... अन्तमें . कोई: उपाय सः देखकर यदन सरदार - - वद्ुरखने शख . ङा: ; दिये, वीर भारो वेरोमे किर जा “दिया ओर कदा “ वछ्छाद.! क्या कना ! खद्‌ आपकी उग्र द्रज करः {स;: आपकी जर्वमदी भीरः दिलेसीः देखकर वागं > दगया । अब यह भाजिज :हुजर. दी की तदिदारीभें दाजिर दै । जो ङछ इस आजिजने विना जोचे खतां, की, “उसकी खंदाने खजादी, संगर अव यद कंप्रतरीन इजूरकी खिद्मतम हाजिर दे ।.. : इख्तियार मालिककीं हे.ख्वाद जानवस्दौ ख्वाद गर्दन मारे ” । + :: माछोजी को उसपर दया आंगई और दद्‌ बोले.“ अच्छा खाँ साहब तुमने. अपने किसका: फुल तो 'वखद्दी लिया । अंपने- सो -सखवासो. _खवारोंकी बाछि इस : इणभूमिे. देखुके. इंसखे में आविक कया कहूँ । परम्ठ याद रखना अवकी वार में. . तुमको छोडो हूँ किन्तु जो फिरदूसरीवार तुले स्या किया दो. अवश्य्टी अपने ` -प्राणसे ठुमके दाथ घोनि पडंगे । अच्छा जागो 7 । ॥ ` :, अस इतना कदरः माङोजीने उखे छोड दिया 1 ठीक द “क्षमा वीरस्य;: भूषणम्‌ ” वीरोंका भूषण क्षमा करनाही दं ! व ८ यंवन सवार आये तो थे अपनां आतंक जमाने और धने लूठने; परन्तु. इस- तेर्दपर गांठकी पूँजीभी खोकर अपनासा सह किये घरंको गये । ¢ व्यवेनी गये . _च्चेजी दोने रदगये गांठके दुल्बेजी 1... | ~ <-> ध 2. 4 कैराका दिश्ह (1 श्रावणगक्ता मदीना दै दिके. ५॥ वजनेच्ां पय हैं; काले.डरादने बादल .. की ओस्पे.शकस स्थं भगवान्‌, दिनकरो सति बमा रहे है, केवर कभी. २ अपना ` दिखे. र. पने विदयमान्‌ नेरी सुचना देके लिये चल यवदीदी दि बांदलोंकी खिईकियोमेंस झण २ सरके स्यि गरदन निकार देते दैः परल. : बादखोको उनका. ईतनीःस्वतचता. सी पसंद. नदं भती इखल्ियि वे तुश्तंदी पिर ` उनकी ढांक देते हैं; कभी २ विजंखी भी वमक अथरेका.उजेरा वने देती : ओर छोमोकी अखि चद्रन्ोध करलेभे अपनी .क्क्त आर पयक्तमकौ दमनः ८ दिखाःस्दी दे 1 उण्णकारुकी अड ण्रमीखे .दुःखित-अिः प्यासी रमि : ववाक्ः पानी पीकर देखी भरसन्र हरदी दं कि. कुछ कंदा नहीं .. जाता, ` केवल ` इत्तनादी “ ` “न वरम्‌ छक्के मारे उसने. इतना -अनापयानास पानी : रीखिया दे, सिये. .मछप्यकी.डकायेकी, तरद उरूभेदे भी जगह २. पानी दं ,२ एरकः निकः रदा ¦ 51 स्थान २ रदाय भरी . हुई: तलाइयॉमिस: निकलकर. हरियालीकी और ; ८4 ११




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