हिंदुस्तान के निवासियों का जीवन और उनकी परिस्थितियाँ | Hindustan Ke Nivasiyau Ka Jivan Aur Unki Paristhiyan
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics, इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
328
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री के. एम. अशरफ - Shri K. M. Ashraph
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्ययन क्षेत्र 11
अफगानों (लोदी और सूर) के अध्ययन के लिए मैंने “तारीख-ए-शे रशाही ”,
“'तारीख-ए-दाऊदी” और “वाकयात-ए-मुश्ताकी” की सहायता ली है ! “तारीख-ए-
शेरशाही” ऐसे अनेक लोगों की जीवनियों के सतकें संकलन के लिए प्रसिद्ध है जो उस
समय जीवित ये भौरजो उन दुर्यो के सक्रिय भागीदार ये भौर तदनम्तर जिन्होने अपने
अनुभव लेखक को सुनाए, जिसने आवश्यक सावधानी थर परीक्षण के पश्चात् उन्हें
संकलित किया ।\ अन्य दो वृत्तान्त उतना विवेचन या संतुलन प्रदशित नही करते 1
तारीख-ए-दादी ', खण्डित ओौर विखरी है मौर असम्वद्ध संस्म रणों से कुछ अधिक नदीं
है।“ इसी तर्ह् “वाकयात-एु-मुष्ताकौ ” क्रमवद्ध नही ह मौर उसमें लम्बे विपयांतर है ।
दोनों ग्रंथ कौतुकों तथा अंधविश्वासों से परिपूर्ण है, विशेषतः वाकयात में तत्कालीन
प्रमिद्ध सरदारों थीर संतो के उपाष्यानों, चमत्कारो, प्रेतो, दानवो, जादू भर बाजी-
गरी की मूर्खतापूर्ण कहानियों की खिचड़ी कृति को कुरूप कर देती है और इन सबसे
लेखक की और उसके काल के अंधविश्वास की प्रवृत्ति प्रकट होती है ।* यह कहने की
भी आवश्यकता नहीं कि यदि अन्य किसी वर्णन के लिए नहीं तो कम से कम धार्मिक
जीवन के समुचित परिवोध के लिये इन विकुतियों का ज्ञान वहुमूत्य है ।
अभिलेखों में से ख्वांदमीर का “हुमायूनामा” भी एक मनोरंजक दस्तावेज है ।
अपने इस अतिम ग्रंथ को उस प्रसिद्ध इतिहासकार ने मुगल सम्राट हुमायू के विशेष
आग्रह पर 1०94 ई० (941 हिस) के प्रारंभ में लिखा था। सम्राट द्वारा प्रवतित
नवीन युवतियों और अनूठे रचना कौशल का उल्लेख इसकी विशेषता है ।* हाजी
दवीर द्वारा अरबी भाषा में लिखित गुजरात के इतिहास का उल्लेख पहले ही कर
दिया गया है । अब तो इसका अत्पुत्तम संस्करण उपलब्ध है ।
अन्ते मे अवल एर्ल के प्रसिद्ध ग्रथ “आइन-ए-अकवरी” का उल्लेख किया
जा सकता है जिसका कुशल सम्पादन ब्लाकमेन ने और अंग्रेजी अनुवाद ब्लाकमेन
और जैरेट ने किया है। विद्वान लेखक और संपादकों ने इस कृति की महान्
विशेपताओं की मुक्तकंठ से प्रशंसा की है । लेखक ने दावा किया है कि उसने छृति का
संकलन विश्वकोप के तरीके पर किया है, जहां सब तरह की उपयोगी सूचना मिलेगी
और जिसकी सहायता लोग जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संदर्भ, अनुदेश और मनोरंजन
1१, सतार णे० णार 3 1
2. इलि० डाउ० चतुर्थ, 57 1 अफगानों का और अधिक सम्बद्ध वर्णन 1013 में
नियामतुल्ला द्वारा संकलित ग्रंथ “मखजन-ए-अफगानी” में मिलता है 1
3. स्वाद, 125 1
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