भारतीय आधुनिक शिक्षा | Bharatiya Adhunik Shiksha

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Bharatiya Adhunik Shiksha by रामकुमार गुप्त - Ramkumar Gupt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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+ 9 स्तर पर कथात्मक गद्य साहित्य की विधाओं- कहानी और उपन्यास शिक्षण अभिगम की व्यूह रचनाएं [0 जयपाल तरंग शिक्षक-विद्यार्थियों का प्रश्नोत्तर संवाद, परिचर्चा और परस्पर विमर्श आयोजित किया जाए। तात्विक विवेचना के अन्तर्गत कथानक, चरित्र-चित्रण, संवाद-योजना, भाषा शैली विषयक पक्षों पर निबन्धात्मक प्रश्नों के उत्तर देने की क्षमता विकसित करें। कहानी के विकास तथा उपन्यास के विकास के संदर्भ में प्रस्तावित कहानीकार/उपन्यासकार के योगदान को समझे और निबन्धात्मक उत्तर देने की योग्यता विकसित करें। कहानी और उपन्यास की समस्याओं अथवा चरित्र विशेष पर कथात्मक गद्य विद्या में सुजन करें। कथात्मक गद्य साहित्य की विधाओं में कहानी और उपन्यास ही प्रमुख हैं। यद्यपि वर्णन प्रधान कथात्मक विधाओं में आत्मकथा, जीवनी, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, साक्षात्कार आदि भी आते है तथापि शिक्षण-अधिगम की व्यूह रचनाओं के संदर्भ में यहां कहानी और उपन्यास को ही विचारणीय विषय बनाया गया है । कहानी लोकप्रिय विधा है। हिन्दी के क्षेत्र में लोककथाओ की वाचिक परम्परा आज भी सक्रिय है! बाल-कथा-कहानियों के अतिरक्त बोध कथाएं, नीति कथाएं, पशु-पक्षी कथाएं आदि भी प्रचलन में हैं। रामलीला और महाभारत गायकी के कारण पद्यात्मक कथधात्मक साहित्य से भी हिन्दी लोक भरपूर है। कथा-कविता, खण्ड काव्य, महाकाव्य आदि कथात्मक पद्य साहित्य की विधाएं हैं। ये विधाएं भी हमारे विचार-विमर्श का विषय नहीं हैं। उच्चतर माध्यमिक + 2 स्तर के वैकल्पिक एवं केन्द्रिक पाठूयक्रम में इन विधाओं का शिक्षण-अधिगम अपेक्षित है। कथात्मक गद्य साहित्य की विधाओं में कहानी और उपन्यास स्वतन्त्र विधाएं हैं। दोनों में आकार-प्रकार का ही अन्तर नहीं है बल्कि जीवन के कथात्मक सरोकार की भिन्नता भी है। कहानी जीवन के किसी एक प्रसंग की गद्य में समग्र कथात्मक अभिव्यक्ति होती है। उपन्यास जीवन की विराट और व्यापक झांकी प्रस्तुत करता है। जीवन को अगर गुलाब का पौधा मान लें तो अंकुर, कली, खिलखिलाता गुलाब, कांटों में खिला गुलाब, मुरझाया गुलाब आदि का कथात्मक विधा में वर्णन करें तो वह कहानी कहलाएगी । अंकुरण से लेकर फूल तक के विकास की कथात्मक अभिव्यक्ति उपन्यास कहलाएगा अर्थात्‌ पतझड़, बसंत, गर्मी और सर्दी, आंधी-तूफान आदि के अनेक प्रसंगों में वर्णित उपन्यास कहलाएगा। कथात्मक गद्य-साहित्य की विधाओं की अपनी रचनात्मक विशेषताएं होती हैं। वस्तुत्तः कथात्मकता के तत्वों पर ही विधागत रचनात्मकता निर्भर करती है। इन तत्वों का परिचय इन विधाओं के अध्ययन-अध्यापन की दृष्टि से महत्वपूर्णं है । यहां कहानी“उपन्यास के तत्वों का विवरण इसी आशय से दिया जा रहा है। ध्यान रहे कि कथात्मक गद्य साहित्य की विधाजौँ-कहानी ओर उपन्यास- के सभी तत्व अनिवार्यतः इन रचनाओं मेँ अपेक्षित नहीं होते, लेकिन इन सभी तत्वों का ज्ञान




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