टॉमस जैफर्सन | Tomas Japharasan

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Tomas Japharasan  by के. आर. सिंह - K. R. Singhविन्सेन्ट शिएन - Vinsent Shien

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लाल सिर 13 यद्यपि जेफरसंन स्वय भ्रपने पिता के सबसे बडे पुत्र होने के नाते बहुत बड़ी जागीर के उत्तराधिकारी थे, फिर भी उन्होने सम्पत्ति मे केवल बडे लडके को ही भ्रधिकारहो, इस कानून के परखचे उडा दिये श्रौर पिता की सभी सन्तानो, यहो तक कि पुत्रियों तक को भी बराबर झ्रघिकार दिये जाने की व्यवस्था की । उन्होने कालिज छोडने के कुछ वर्ष बाद ही झपने इस विचार को क्रियात्मक रूप दे दिया था, किन्तु हमारे पास इस बात के प्रमाण है कि कालिज जीवन मे भी उनके हृदय मे ये विचार थे । दक्षिण की श्रोर विलिथम्सबगं मे वह लोकतन्त्र के समथेक बनकर श्राये थे । सीमान्त प्रदेश के सत्रहु-वर्षीय इस नव- युवक के हृदय मे यह्‌ आस्था बद्धमूल हो चुकी थी कि सभी मनुष्य समान ्रौर स्वतन्त्र है, श्रौर सबको समान ग्रौर स्वतन्त्र होने का श्रधिक्ार होना चाहिए । ज्यो-ज्यो वह्‌ बड होते गए त्यो-त्योः उनके विचार भी परिपक्व प्नौर दढ होते गए, किन्तु इसमे कुछ सन्देह नही कि उनके वे विचार बीज के रूप में आरम्भ से हीं उनके हृदय मे विद्यमान थे । इन विचारो के कारण उस समय उनके अनुयायी बहुत श्रधिक नही हो पाये, किन्तु यह भी तथ्य है कि वह इन बातो को लेकर कभी किसी से लडते-भगडते भी नहीं थे। वह घटो तक किसी विषय को लेकर वाद-विवाद कर सकते थे, किन्तु वह ऐसे साधु प्रकृति के मिलनसार व्यवित थे कि सभी क्षेत्रो मे श्रनायास ही लोकप्रिय बन जाते थे । वह॒ प्रारम्भसे रन्त तक समान रूप से लोकप्रियं बने रहे । उनके चरित्र की एक बडी विद्वेषता यह रही कि नृत्य, सगीत/शिकारूश्रौर पार्टियों के दौकीन होते हुए भी वहू तम्बाकू और तादा से सदा बचे रहे ।




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