बुन्देलखण्ड के दुर्ग एक एतिहासिक अध्ययन | Bundelkhand Ke Durg Ek Itihasik Adhyyan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
464 MB
कुल पष्ठ :
448
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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बिरसिह् कीर ऊअरू छनत्रसाल,
दल-दुवन दलन हिद्क्न ढाल
इत रघुकूल प्रसार धाँधोर धीर
गुर्जर सोगर, कछवाहा बीर/
भूसुर, यग, दीका दरा,
बन गड सफर, क्रौदर गरा,
सब जाति, ध्य उद्योग, शग
उदड, दीन, धनि, अधानि लोग /
खक खत सम. रितु ८ कुक उर उदार,
सबको हित मृद ममत रियर
सब करें सहज तुम सुखद गद,
शिर चष्ट छत्र बाबा समद,
कन सक न वर्णन बदन-चित्र
कष किय _लिखन-साहस सु-पुत्र
एषिक्ल सम्यत, कर करणात
यह तुच्छ श्ट ल्फ किल्शसि तात 1
उपरोक्त कविता का गम्भीर अध्ययन करने के उपरान्त कोई भी ब्यक्ति
बन्देलखण्ड के सन्दर्भ में सूक्ष्म जानकारी प्राप्त कर लेता है इस कविता
मे बुन्देलखण्ड का सीमांकन उसकी प्राकृतिक संरचना अर व्हा कं प
निवासियों के सन्दर्भ में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर होता हैं। यहाँ उत्पन्न हुए
महत्वपूर्ण .ब्यक्तियो का सन्दर्भ भी उसे इस कविता के माध्यम से
उपलब्ध हो जाता हैं और वह इस गौरव मयी भूमि के प्रति इतिहास कार.
की भाँति नत मस्तक हो जाता है। सुप्रसिद्ठ इतिहास कार एम0 एल
निगम ने इसके महत्व को स्वीकार किया हैँ ओर उसके इतिहास को अति
प्राचीन बतलाया हे।
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