साठोत्तर हिंदी उपन्यासों में सामाजिक विघटन का समीक्षात्मक अध्ययन | Sathottar Hindi Upanyason Mein Samajik Vightan Ka Samikshatmak Adhyayan
श्रेणी : हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
414 MB
कुल पष्ठ :
288
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सुतंलन बना रहता है। किन्तु जब किठ
समिति के क्रार्यो को छीन लेती
जाने
1
क्ते कारा विघटन की स्थिति उत्पन्न हो गयी। सरकार के झनेक कार्यों कहो व्यक्तिगत |... |
धो मैं दिया जा एहा है, जो विघटन के लक्षण बन रहे हैं। .. ........ न 9
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वैयक्तिक मूल्य वहीं तकः टीक्छ रहते हैँ जहां तच्छ उनका शामाजिक मूल्यों |
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उन सामाजिक मूल्यों का शंजक बन जाता है। व्यक्तिवादिता
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1
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त म झूठी महँनाई उत्पन्न हो जाती ताज
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या बढ़ावा
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