बृहद भारतीय चित्रकारी में रामायण | Brahad bharatiya Chitrakari Me Ramayan

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Book Image : बृहद भारतीय चित्रकारी में रामायण  - Brahad bharatiya Chitrakari Me Ramayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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०५ चुदद्धारतीय चिघ्रकासी म समायण॒ उस दृश्य म भौ जिसमें सीता का ्पदरण दिखलाया गया है, * राम के ्रभिप्रेत राज्यामिंपेक की तय्यारियें और उसके लिए एक- त्रित इए उपहारो को दिखानेवाचा दस्य, एं पराम्बनम्‌ म हनुमान का लङ्का-ददन द्य शौर शनेको यन्य द्र्य देसे घरों के नमूने प्रदर्शित करते हैं जो बीस वष पूरव स्मरणातीत काल से मालावार में प्रचलित थे शौर जिन्हें देश के स्थानीय विद्वानू वास्तुकला का विश्वकर्मा प्रकार कहते दें घौर जो टैवनकार की लौकिक श्नवुश्ति मे कोटि छम्बलम्‌ नाम से प्रसिद्ध हैं । इस प्रकार फाप्त के बने हुये पुराने घर्‌ धोर्‌ मन्दिर यव भी केवल कोचीन, .टैवनकोर शौर प्रिटिश मालाबार में ही नहीं किन्तु दक्षिण कनारा के समीपत प्रदेश में भी प्रचुरता से देखने में आते हैं । यहाँ, जैसा कि मुदपरिद्री के कतिपय 'ृष्टान्तें से प्रगट होता है, थनेकों स्थितियों में जैन लोगों ने भी छापने लौकिक और पारमार्थिक उपयोग के लिए ऐसे घर बनाये । इस म्रदेश के कुछ हिन्दू मन्दिरों, विशेषकर देल्लिचेरी के बहुत पुराने मन्दिर, की सजावट म, यशतः प्राम्बनम्‌ के शिव- मन्दिर के दंग पर, दृश्य के थनन्तर दृश्य और धटना कै; ्नन्तर घटना को लेकर दरीनीय काघनिर्माणु पर प्राय सम्पूर्ण रामायशीय 'कथा प्रदर्शित की गई है । जावा के कला-सम्बन्धी विकास की ` समष्टि के पोषक दद्ति भारतीय कला श्र संस्कृति के इन स्पष्ट एवं निश्चित इशन्तों के श्तिश्क्ति इम यह भी देखते हैं कि इस




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