श्रीकृष्ण चरित | Shrikrishna Charit
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
278
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५०] श्रीकृष्ण 'रित
की गथ तङ् नदी थी । श्वठ सिद्ध हुआ कि कृष्ण को वरीय
अमवार धोपित करना एक् नपीन स्स्पना थीं |
रामायण और महामारत में जैंसा कि पूर्व भी कद्दा जा चुका
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प्रन्यसर ै श्राय के विन्द उ्रतादै शौर इसलिए मी वहं
नयीन परिडती का मिश्रण हो सिद्ध दोता दै। और जिन पुराणों
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वी प्रतिष्ठा के लिये हुआ था ।
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नेक सम्प्रदाय स्थापित हो गये । पाचराम भागयत, घासुदेव 'झादि
सम्प्रदायों की स्थिति इतिहासकारों ने स्वीकार की है ।” मध्व,
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चरम सालिक च्रायार मन्ध शचीर् प्रतिमादयाल मदापुगप सममे
जान ये। परन्तु चारि साधना के प्रचार के कारण वैष्णव
* डुन सग्यदायों की विशेष्र जानकारी के लिये ढा० रामकूण
मोट माण्रकर छ 2 502४157 53४ उव काम
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