सुत्त सूत्र सूचि खंड ४ | sutt sutra suchi khand iv

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Book Image : सुत्त सूत्र सूचि खंड ४  - sutt sutra suchi  khand iv

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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९, छाय सुत्त २, समथ सुत्त ३, चितक्क सुत्त ४, सुजनता सुन्त ५, सत्तिपहान सुत्त ६, सम्पप्पघान सुत्त ७, दद्धिपाद्‌ सुत्त ८, इन्दि सुत्त ९, व सुत्त १०, बोजक्ङ्ग सुत्त ११, मग्ग सुत्त १, अक्षद्धत सुत्त २, भन्तं सुत्त ६. अनासच सुत्त ४, सच्च सुत्त “ ५, पार सुत्त ६, निपुण सुत्त ७. सुदुद्दस सुत्त ८-३४ अशउजर सुत्त १. खेमा थेरी सुत्त २ भयुराघ सुत्त २ सारिपुकत्त शोचित सुत्त ७ खारियुत्तकोद्ि् सुत्त ५ सारिपुत्तकोदित सुत्त ६ सारिपुत्तकोषित सुत्त ७, मोग्गछ्वान सुत्त ८, घच्छ सुत्त ( ११९ ) नर्व परिच्छेद ४१, असहत संयत्त परा भाग ; पहला यरां निर्वाण भौर निवाणगामी मार्गं समथ-विदरंना समाधि समाधि स्खतिम्रत्थान सम्यक्‌ प्रधान ऋद्धिपाद इन्द्िय वर वोध्यञ्ग आय अष्टद्धिक मागं दुखा भाग : दूणा वं समथ अन्त भर अन्तसामी मार्ग अनाश्रव भौर अनाधवगामसी मार्ग सव्य मौर सत्यगामी मागं पार नौर पारगामी मागं निपुण घौर निपुणगामी मागं सुदुर्दर्शगामी मार्ग अजर्जरगमी मार्ग दस परिच्छेद ४२. अव्याक्त संयुत्त अव्याकृत क्यो ? पवार अव्या कृत मध्याकृत बताने का कारण सग्यक्त बताने का कारण अब्याङ्ृत मव्याकृत अव्याकृत रोक दाश्च नर्द ६०० ६०० ६०० ६०१ ६०१ ६०१ ६०१ ६०१ ६०१ ६०४ ६०१ ६०२ ६०४ ६०४ ६०४ ६०४ ६०४ ९०५ ६०५ ४०६ ६०९ ६० ६१० ६१० ६११ ६५२




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