ज्ञानदीपिका जैन | Gyandeepika Jain
श्रेणी : धार्मिक / Religious
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
347
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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।
९ नवेम, १ शिक्षा ब्रत तिस में द्रव्य क्षेत्रे काठ
भाव आश्री समायक का स्वरूप और
गहस्थी को धर्म्म कार्य के 'त्रिपे प्रवर्तन
रूप प्रभात से सध्यातक ओर सन्ध्या से
प्रभात तक की ९४. चादह भकार कीं
दिक्ञा का स्वरूप वहुत 'अच्छा खुलासा
धती + ` `
१ प्रथम शिक्षा में संमायक की विधि ओर
समायक के ७ सात पाठ बहुत शुद्ध है,
और १८४ अटारह पापों का नाम अर्थ
सहित हे 1 सं भ २१२
२ दुसरी शिक्षा में माता पिता की भक्ति और
परिवारी जनों को धर्म्मकार्य के विषे
प्रेरणा और ९ नो तत्व का नाम अर्थं.
सहित वताना और तप का फल और वर्ष
दिन के दिनों का मान... .. ^. >
और १०० वर्ष के दिन पहर महूर्च श्वास
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