श्री सम्भवनाथ चरित्र | Shri Sambhavanath Charitra
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
122
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)1 (५११५)
पर मारवाड़ में विद्या को “मिचार संपूर्ण रीति सेमन
सोने से छज्ञानतां और च्देम-चर जमा के बैठे है. फिर भी
उस-भोसी मारवाइ:की प्रजामें वचहुत सख्यामें धनाव्यों
केयर प्रत्येक शहर और ;मत्येक ,गावमें : पाये जाति हैं ।
इस कथाफे नायक भी मारवाद के एक मसिद्ध शदरमें
जन्मे & सरकार - पाये द - शौर - षनत्याग युद झपने
जीवन-का व्येय वना रखा रै-। „ ४ क
- ~ एकर कवि'की उक्तिदैः क्रि-- --
उपा्जिताना वित्तानां, त्याग एव हि स्नणम् ।-
पतडागोदरसंस्वानां परिवाह ~ इवाम्भसाम् ॥-
- ऐसे-उपकारी आत्मा को जनसमूह के-सामने रखना
आर खास करके बनीपुरुप - ऐसे सपत्तिगील, पुरुपके
जीवन के फिसी अशफो 'यनुरुण करे यही इस लेख
का फल हैं और इसलिये हो लेखक -का प्रयत्न है,
झाशा है कि बाचकगण इससे लाभ उठावे 1: , ~
-जिनका नाम है सेठ किसनलालजी लूणावत 1
~ नन्पस्यान फलो पी ( मारवाड़ ),-माता का नाम
मंगनवाई, पिता का नम जयराजजी, गोत्र लूखावत, जन्म-
तिथि सवत् १६२३८ श्रसाढ वद् १४॥ सेठ जयराजनों ५क
बढ़े नीनिकुशल व्यापारी घर धनाव्य पुरुप थे । उनकी
इज्नत फलोबी_ में-श्ौर श्रासपास के घोट वे गिं
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