भारत के श्रमिकों की मानगो का राष्ट्रीय अधिकार पत्र | Bharat Ke Shramiko Ki Mango Ka Rashtriya Adhikar-patra

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Bharat Ke Shramiko Ki Mango Ka Rashtriya Adhikar-patra by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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राष्ट्रीय श्रमदिवस “विष्वकर्मा दिवस” को एक अनूठा और अनन्त महत्व रखने नाछा राप्टीय श्रमदिदस स्वीकार करता और उसका प्रचार करना ! प्रथम्‌ करणकः दस्तकार, नये आकारो के नियन्ता मौर अनेक यत्रो के सञ्जाकार “विश्वकर्मा' से भारत में स्व-विनियोजित कारीगरो की एक परम्परा प्रारम्भ हुई जिन्होंने समाज को सम्पन्न बनाने वाली अनेक प्रकार की विशाल परिमाण मे बस्तुओ का निर्माण किया । इस परम्परा के महान महत्व को दाद मे स्वीकार करके जनता ने इसके निर्माता प्रथम श्रमिक विश्वकर्मा को परमात्मा के समान पूजा । श्रमिकों के लिए इस कारण विश्वकर्मा दिवस कायं ओर कायं के यत्रो के महत्व ओौर कार्यों मे कुशलता की आत्मा के किए समपणकी यादगार है । समाज के लिए यह दिवस ऐसे अवसर का बोध कराता है जिस पर कार्य में निहित देवत्वे का सम्मान किया जाये और याद किया जाये कि कैसे उपासना के रूप में किया गया कार्य भौतिक सम्पन्नता को उत्पन्न करता है और कपं-योग की शिक्षा देता है । इस दिवस को समुचित रूप से इसलिये भी मनाना चाहिये कि यह भौतिक विज्ञान की प्रगति और प्रार्विधिक विकास का आकलन करने का अपर उसके अधिक प्रसारित उपयोग और शोध का निर्णय लेते का दिवस है । यह वहूँ दिवस है जबकि राष्ट्र निर्माणकारी क्रियाओं में श्रम के ( १४ )




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